Action On Private ITIs In Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है. फर्जी डिग्री और कागजों में चलने वाले संस्थानों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है.
इसी सिलसिले में सीएम शर्मा के निर्देश पर गठित टीम ने जब निजी आईटीआई की जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. इन आईटीआई के संचालन के नाम पर जमकर अनियमितताएं हो रही हैं.
न्यूज़ जोधपुर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर (ITI) की सत्यता जानने का प्रयास किया. जोधपुर संभाग में कुल 146 आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र हैं. उनमें से कई सेंटर बंद पड़े हैं. वे सभी प्रशिक्षण केंद्र विभागीय कागजों में चल रहे हैं, जहां पर छात्रों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
सरकार की ओर से इंस्पेक्शन नहीं करवाने वाले प्रशिक्षण केंद्रों में नए एडमिशन बंद कर दिए गए हैं. उनकी मान्यता रद्द करने की भी तैयारी भी की जा रही है. इसको लेकर जयपुर सचिवालय में आज बैठक हुई और बैठक के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
जोधपुर के बनाड़ क्षेत्र में स्थित जोधाणा आईटीआई की बिल्डिंग और वर्कशॉप पर ताले लगे हुए थे आसपास के लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि यह कई सालों से बंद पड़ा है यहां पर किसी भी तरह का कोई काम नहीं चल रहा है.
बिल्डिंग के मालिक से बात की तो उन्होंने बताया कि जोधाणा आईटीआई को चलाने वाले जवान सिंह अब यहां पर नहीं चला रहे हैं. उन्होंने कई और शिफ्ट कर लिया है. फिर भी वहां पर नाम और पते वही लिखे हुए हैं. इसको लेकर विभाग भी लगातार इंस्पेक्शन को लेकर नोटिस दे रहा है. विभाग का कहना है कि यह आईटीआई इसी जगह पर चल रही है. इसको हमने नोटिस दिए हैं.
मारवाड़ आईटीआई बनाड़ क्षेत्र में स्थित है, जहां एक बिल्डिंग में ऊपरी मंजिल पर आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र का नाम लिखा था वही बिल्डिंग के नीचे की तरफ धर्म कांटा लगा हुआ था जहां पर गाड़ियों का वजन किया जा रहा था.
मारवाड़ आईटीआई के ओनर जयपाल ने बताया कि यह दो प्लॉट हैं और मैं एक प्लॉट किराए पर ले रखा है. जहां पर मेरा आईटीआई का प्रशिक्षण केंद्र है. विभाग की ओर से प्रशिक्षण केंद्र के इंस्पेक्शन के लिए नोटिस आए थे. हमारे प्रदेश की संस्था ने यह तय किया था कि हम एक साथ इंस्पेक्शन करवाएंगे. उस समय मुझे नोटिस मिला था.
लेकिन किसी कारणवश मेरे प्रशिक्षण केंद्र की छुट्टी थी. इसलिए नहीं हो पाया. उसके बाद हमने विभाग को लेटर लिखा है. वह आकर यहां पर इंस्पेक्शन कर सकते हैं, क्योंकि जब तक हमारा इंस्पेक्शन नहीं होगा. तब तक हमारे एडमिशन भी नहीं होंगे.
आईटीआई निदेशक सुरेंद्र खंडेलवाल ने बताया कि विभाग की ओर से टीम को इंस्पेक्शन के लिए भेजा गया तो कई जगह पर परिसर के बाहर आईटीआई के बोर्ड टंगे मिले टीम को अंदर प्रशिक्षण केंद्र में जाने ही नहीं दिया.
एक जगह तो धर्म कांटा संचालित होता मिला अधिकतर जगहों पर ताले लटके मिले क्योंकि अभी सेशन खत्म हुआ है. नए सेशन के एडमिशन शुरू होने जा रहे हैं. आरएसएलडीसी ने अब इन फर्जीवाड़े में शुमार आईटीआई संस्थानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इसी सत्र में प्रवेश प्रक्रिया रोकने व मान्यता निरस्त की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
निजी आईटीआई प्रशिक्षण केंद्रों पर सरकार की ओर से मिलने वाली एससी एसटी वशिष्ठ लोगों की स्कॉलरशिप को लेकर खास तौर से स्कैम चलता है. सरकार की ओर से 100% स्कॉलरशिप दी जाती है. उस स्कॉलरशिप को लेकर कई जगह स्कैम जारी है.
प्रदेश भर में उद्योगों को प्रशिक्षित युवा देने व युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिलों में सैकड़ों निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आईटीआई स्थापित किए गए हैं. प्रदेश की आईटीआई में फर्जीवाड़ा कर प्रशिक्षण का जमकर मजाक बनाया जा रहा है.
राजस्थान के 7 संभागों में 1393 प्राइवेट आईटीआई में से 682 आईटीआई में राजस्थान कौशल व आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) की टीमों ने जांच की इनमें गंभीर अनियमिताओं का खुलासा हुआ. इसमें प्रदेशभर में इंस्पेक्शन के लिए भेजे गए. नोटिस की बात करें तो 200 नोटिस विभाग के पास लौट कर आ गए.
निजी ITI में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, संस्थानों की लगाम कसने की तैयारी में भजनलाल सरकार
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