नूंह जिले इंडरी उप तहसील क्षेत्र में बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या ग्रामीणों के लिए करीब 10 वर्षों से नासूर बनी हुई थी। डीसी के सक्रिय हस्तक्षेप व प्रयासों से उप तहसील इंडरी के अंतर्गत आने वाले गांव हसनपुर सोहना, किरा, मानुवास व आसपास के गांवों से संबंधित करीब 1500 एकड़ भूमि से जलभराव की समस्या से अब राहत मिलने जा रही है। सिंचाई विभाग ने इस क्षेत्र में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए करीब सात सम्पवेल बनाए हैं, जिसमें गांव हसनपुर सोहना में तीन, किरा में एक और मानुवास में तीन शामिल हैं। ये सम्पवेल बनाकर व पाइप लाइन बिछाकर इन्हें नूंह ड्रेन, दुबालू माइनर सहित अन्य ड्रेन से जोड़ा गया है, ताकि बारिश के पानी की निकासी संभव हो सके और खेतों व फसलों को होने वाले संभावित नुकसान को रोकना संभव हो। कई बाद जलभराव की समस्या को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं मुख्यमंत्री डीसी विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा जिला नूंह के इंडरी उप तहसील क्षेत्र में बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या के स्थाई निजात के निर्देश दिए गए थे, जिसकी अनुपालना में पायलट प्रोजेक्ट के तहत तीन गांवों में सात सम्पवेल बनाए गए हैं। अगर भविष्य में और सम्पवेल की आवश्यकता पड़ी तो उनका भी निर्माण करवा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री इस समस्या के प्रति काफी गंभीर हैं और अब तक करीब चार बार मीटिंग कर इस समस्या के समाधान की समीक्षा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि गांव किरा के सम्पवेल के लिए बिजली कनेक्शन मिल चुका है और जल्द ही अन्य सम्पवेल के लिए भी बिजली कनेक्शन प्राप्त हो जाएंगे। विभाग की ओर से बिजली कनेक्शन के लिए अप्लाई किया जा चुका है और वे निरंतर बिजली विभाग के अधिकारियों के संपर्क में हैं। गांव हसनपुर सोहना के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री व उपायुक्त का जताया आभार गांव हसनपुर सोहना निवासी योगेश शर्मा, तुषार, रघुनंदन, मुकेश कुमार, जयपाल व बलबीर सिंह सहित अनेक ग्रामीणों ने उपायुक्त के कार्यालय पहुंचकर उनको एक पत्र लिखते हुए आभार व्यक्त किया है कि आपके नेतृत्व में जिला प्रशासन ने उनके गांव में तीन सम्पवेल बनाकर उनकी करीब 10 वर्षों की समस्या को हल करवाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाई। इस क्षेत्र में जलभराव से उनकी फसलों को हर वर्ष काफी नुकसान पहुंच रहा था। अब उपायुक्त द्वारा तीन सम्पवेल लगवाए जाने से खेतों से जल निकासी आसान होगी और किसानों की मेहनत सुरक्षित रहेगी। ग्रामीणों का कहना है कि यह सम्पवेल न केवल खेती को बचाने में सहायक सिद्ध होंगे, बल्कि गांव में जलभराव से उत्पन्न होने वाली अन्य समस्याएं जैसे रास्तों में कीचड़, दुर्गंध, मच्छरों का प्रकोप, संक्रामक बीमारियों का खतरा से भी राहत दिलाएंगे।
नूंह के कई गांवों में जलभराव से राहत:गांवों में सम्पवेल बनाकर पाइप लाइन को ड्रेन में छोड़ा, डीसी का आभार जताया
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