हरियाणा के नूंह जिले के गांव इब्रहीबास के समीप दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे गत 26 अप्रैल को एक सड़क हादसे में जान गवानें वाली गांव खेड़ी कला की 6 महिलाओं के घर पूर्व मंत्री डॉक्टर बनवारी लाल पहुंचे। जहां महिलाओं की मौत को पूर्व मंत्री ने परिवार और गांव-समाज के लिए गहरा सदमा बताया है। उन्होंने गांव में पहुंचकर मृतक महिलाओं के परिजनों से मुलाकात की तथा परिवारों को मिली सहायता राशि को नाकाफी बताते हुए डीसी से इस संबंध में बात की। पूर्व मंत्री ने निर्देश दिए कि जिस कंपनी के लिए महिला श्रमिक काम कर रही थी उस पर नियमानुसार वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का दबाव बनाएं। मंत्री ने आर्थिक मदद का दिया आश्वासन पूर्व मंत्री डॉक्टर बनवारी लाल ने हादसे को दुखद और परिवार के लिए बड़ा झटका बताते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं पूरे परिवार को हिलाकर रख देती हैं। पूर्व मंत्री ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवारों की सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने डीसी विश्राम कुमार मीणा से बात की तथा उन्हें सरकार की ओर से और भी संभव सहायता मुहैया करवाने के विकल्प तलाशने के लिए कहा। उन्होंने आश्रित परिवारों के योग्य युवाओं को परिवार के गुजर-बसर के लिए नौकरी दिलवाने में सहायता करने तथा एक्सप्रेस-वे का संचालन व देखरेख करने वाली कंपनी पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने का दबाव बनाने की बात भी कही। उन्होंने पीड़ित परिवारों से वादा किया कि वह हर समय उनकी सहायता के लिए तैयार हैं। 26 अप्रैल को हुआ था हादसा गौरतलब है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर गांव इब्राहिमपुर की सीमा क्षेत्र में 26 अप्रैल को एक सड़क हादसे में छह महिला श्रमिकों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी। सभी छह मृतक महिलाएं खेड़ली कलां गांव की रहने वाली थी। इसमें चार महिलाएं एक ही परिवार की थी। ये सभी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की सेंट्रल वर्ज पर लगे पेड़ पौधों की देखरेख का कार्य करती थी। कंपनी की ओर से आश्वासन मिला, सहायता नहीं हादसे के बाद एक्सप्रेस-वे का संचालन व देखरेख करने वाली कंपनी ने मृतकों के आश्रितों की सहायता करने का आश्वासन दिया था। हादसे को करीब एक महीना बीतने को है लेकिन अभी तक परिजनों तक कंपनी की ओर से कोई सहायता नहीं पहुंची। हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद पहुंचाई जा चुकी है।
नूंह पहुंचे पूर्व मंत्री बनवारी लाल:सड़क हादसे में जान गवाने वाली गांव की 6 महिलाओं के परिवार से की मुलाकात
13