हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर के गांव बसई मेव में हुए अवैध खनन के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने राजस्व विभाग के अधिकारियों की चौथी गिरफ्तारी की है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने अवैध खनन के मामले में तत्कालीन डीआरओ बिजेंद्र राणा को गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी अवैध रास्तों के विस्तार में स्थानीय जनों की आपत्ति की अनदेखी के आरोप में की गई है। इससे पहले चकबंदी विभाग के तीन रिटायर्ड कर्मचारियों समेत पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है। बिजेंद्र राणा वर्ष 2024 में नूंह में बतौर डीआरओ कार्यरत थे और उनके पास बंदोबस्त अधिकारी (चकबंदी) का कार्यभार भी था। अधिकारी ने दो रास्तों को 4 करम (22 फुट) से बढ़ाकर 6 (33 फुट) करम किया डीआरओ पर आरोप है कि उन्होंने 13 फरवरी 2024 को फिरोजपुर झिरका के गांव बसई मेव की चकबंदी योजना को मंजूरी दी, जिसमें दो रास्तों को 4 करम (22 फुट) से बढ़ाकर 6 (33 फुट) करम किया गया। इस मंजूरी पर गांव के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई, जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि दोनों रास्ते हरियाणा सीमा से सटे राजस्थान में वैध-अवैध खनन मालिकों, क्रेशर मालिकों और स्थानीय खनन माफिया द्वारा साजिश रचकर, अनुचित लाभ कमाने के लिए बनाए जा रहे हैं। आरोप है कि बतौर बंदोबस्त अधिकारी बिजेंद्र राणा ने इन गंभीर आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए उन्हें खारिज कर दिया। जबकि उन्होंने तत्कालीन सरपंच हनीफ उर्फ हन्ना और अन्य ग्रामीणों द्वारा दिए गए एतराज को स्वीकार करते हुए इन दो रास्तों को चौड़ा करने की योजना को मंजूरी दे दी। तीन आरोपियों की गिरफ्तारी पर 50 -50 हजार का इनाम गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए एसीबी के डीएसपी गौरव फौगाट ने कहा कि जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर बिजेंद्र राणा की गिरफ्तारी की गई है। वह फिलहाल राजस्व विभाग में ही कार्यरत हैं। इन्हें एक दिन के रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान उनकी भूमिका के बारे में बारीकी से जांच की जाएगी। गौरतलब है कि इस मामले में इससे पहले चकबंदी विभाग के तीन अधिकारियों व दो निजी लोगों शेर मोहम्मद और मोहम्मद लतीफ की गिरफ्तारी की जा चुकी है। इसके अलावा बर्खास्त सरपंच मोहम्मद हनीफ उर्फ हन्ना, शाबिर और शौकत के उपर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
नूंह में अवैध खनन के मामले तत्कालीन डीआरओ अरेस्ट:ACB चकबंदी विभाग के 3 रिटायर्ड कर्मचारियों सहित 5 को कर चुकी है अरेस्ट
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