हरियाणा के नूंह जिले में हुए अवैध खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद खनन माफियाओं सहित संबंधित अधिकारियों पर एंटी करप्शन ब्यूरो गुरुग्राम की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। बीते दिन जहां एसीबी ने गांव बसई मेव के एक खनन माफिया को गिरफ्तार कर दो दिन के रिमांड पर लिया था,वहीं गांव के सरपंच सहित फरार तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 50-50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था। वहीं कार्रवाई जो आगे बढ़ाते हुए एसीबी ने अब चकबंदी विभाग के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से पूरे जिले में हड़कंप मचा हुआ है। गत 1 जून को एसीबी द्वारा वन विभाग, खनन एवं भूविज्ञान विभाग तथा राजस्व के चकबंदी विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित गांव बसई मेव के खनन माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। चकबंदी के तीन तत्कालीन अधिकारियों को किया अरेस्ट एसीबी गुरुग्राम से मिली जानकारी के अनुसार गत 1 जून को अवैध खनन के मामले में जांच की गई । जांच में चकबंदी विभाग नूंह के तत्कालीन कानूनगो अख्तर हुसैन निवासी करहेड़ा, रामकुमार तत्कालीन चकबंदी अधिकारी निवासी फतेहाबाद और जान मोहम्मद निवासी अटेरना शमशाबाद को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी की अवैध खनन मामले में संलिप्तता पाई गई थी। जिन्हें पूछताछ के लिए कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। तीन खनन माफियाओं पर डेढ़ लाख का इनाम घोषित सोमवार को एसीबी द्वारा आरोपी खनन मामले में शेर मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया था। जिसे मंगलवार को अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। बीते 1 जून को एसीबी द्वारा शौकत, साबिर और हनीफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी उसी दिन से फरार चल रहे थे। जिनकी गिरफ्तारी के लिए अब एसीबी गुरुग्राम की टीम ने 50–50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। वहीं इस मामले में डीसी विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि 30 जून तक सभी दोषियों की पहचान कर 15 जुलाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच कर रही सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका के गांव बसई मेव में हुए अवैध खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश मार्च महीने में सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) का गठन किया गया था। जिसमें सीईसी को चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। 15 अप्रैल 2025 सीईसी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। ये सिफारिशें रिपोर्ट के पैरा नंबर 17 में वर्णित हैं। इसमें बताया गया है कि राजस्थान बाॅर्डर के साथ लगते गांव बसई मेव में ऐसे रास्तों का निर्माण कर दिया गया जो गैर जरूरी और स्थानीय किसानों के लिए अहितकर थे। इन रास्तों का सीधा उद्देश्य अवैध खनन को बढ़ावा देना और राजस्थान सीमा के गांवों से आने वाली खनन सामग्री को अवैध तरीके से हरियाणा की सीमा में प्रवेश देना है। एसीबी को सौंपी जांच सीईसी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया था कि इन रास्तों का निर्माण वन विभाग, राजस्व विभाग, चकबंदी विभाग, खनन एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों ने बसई मेव गांव के सरपंच तथा खनन माफिया के साथ गठजोड़ करके करवाया है। इसके बाद इसकी जांच एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप गई। गत 1 जून को एसीबी गुरुग्राम की टीम ने डीएसपी अशोक कुमार की शिकायत पर वन विभाग, खनन एवं भूविज्ञान विभाग तथा राजस्व के चकबंदी विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित खनन माफियाओं के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है। दिसंबर 2024 में गिराया गया था पहाड़ फिरोजपुर झिरका थाना क्षेत्र के गांव रवा से सटे हरियाणा अरावली क्षेत्र के पहाड़ में खनन माफियाओं ने अवैध खनन के इरादे से दिसंबर 2024 में पहाड़ की एक बड़ी चट्टान में विस्फोट कर उसे गिरा दिया गया है। जहां से हजारों टन पत्थर राजस्थान सीमा की ओर जा गिरा। इससे पहले खनन माफिया अरावली में बड़ी-बड़ी खदानें बन चुके हैं। इससे पहले वर्ष 2024 में ही उपमंडल स्तर के एक बड़े अधिकारी ने अवैध खनन के आरोप में 2200 करोड़ रुपए के नुकसान को यहां दर्शाकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया था। इस संबंध में प्रशासन द्वारा कराई गई पहाड़ों की पैमाइश में इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है।
नूंह में अवैध खनन मामले में ACB की कार्रवाई:तीन चकबंदी अधिकारी अरेस्ट,फरार खनन माफियाओं पर किया था डेढ़ लाख इनाम घोषित
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