हरियाणा के नूंह जिले में लगातार बढ़ रही बूच़डखानों की संख्या से जहां क्षेत्र की जनता काफी परेशान है। वहीं यह बूचड़खाने बेजुबान पशुओं के लिए भी काल बने हुए है। लगातार इन बूच़डखानों में चोरी के पशुओं को लाकर कटवाया जा रहा है। पिछले दिनों पुन्हाना के गांव जमालगढ में तीन पशु चोरों को ग्रामीणों द्वारा पकड़ा गया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने पशुओं को बचाने के लिए अपने गांवों में ठीकरी पहरा देने शुरू कर दिया। मंगलवार की तड़के सुबह ग्रामीणों का पहरा काम आ गया। जहां राजस्थान के गांव आलावडा से चोरी हुए तीन पशुओं को ग्रामीणों ने बूचड़खानों में जाने से पहले ही पकड़ लिया। हालांकि पशु चोर मौके से भागने में कामयाब हो चुके है। मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। राजस्थान के गांव आलावडा से सुबह 3 बजे चोरी हुई थी भैंस जानकारी के मुताबिक राजस्थान के गांव आलावडा से मंगलवार की तड़के सुबह करीब 3 बजे चोरों ने एक पशुपालक के घर से तीन पशुओं को चोरी कर लिया था। पशुपालक को सुबह करीब 4 बजे पशु चोरी होने की सूचना मिली। जिसके बाद पशुपालक ने अपने पशुओं को ढूंढना शुरू कर दिया। सुबह के समय पशुपालक अपने पशुओं को ढूंढता हुआ नूंह जिले के गांव दोहा पहुंचा,जहां ग्रामीणों ने एक पिकअप गाड़ी में पशु होने की सूचना उन्हें दी। ग्रामीणों ने बताया कि पिकअप गाड़ी गांव शाहपुर की तरफ बने बूचड़खानों में जाएगी । जिसके बाद पशुपालक ने गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया गांव शाहपुर के ग्रामीण दे रहे थे गांव में पहरा गांव शाहपुर के पूर्व सरपंच ताहिर हुसैन ने बताया कि क्षेत्र में आए दिन बढ़ती-पशुओं की चोरी ने परेशान कर दिया है। आरोप है कि पशु चोर आए दिन पशुओं की चोरी करके उन्हें बुचड़खानों में बेच देते हैं। जिससे पशु पालक किसानों की नींद उड़ी है। जिसके बाद अब उन्होंने रात के समय चोरों से पशुओं को बचाने के लिए पहरा देना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह ग्रामीणों के साथ सुबह गांव में पहरा दे रहे थे। करीब 4 बजे उन्हें एक पिकअप गाड़ी आई हुई दिखाई दी। उन्हें शक हो गया कि इस गाड़ी में चोरी के पशु भरे हुए हैं, जो बूच़डखानों में जाएंगे। जैसे ही उन्होंने पिकअप गाड़ी का पीछा किया तो आरोपियों ने तीन पशुओं को चलती हुई गाड़ी से फेंक दिया और गाड़ी को लेकर फरार हो गए। पीछे–पीछे पहुंचा पशुपालक, पशुओं को देख ली राहत की सांस पूर्व सरपंच ने बताया कि सड़क पर गिरने से पशु गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें वहां से उठाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इस मामले सूचना उन्होंने पुलिस को दी। थोड़ी देर बाद पीछे–पीछे पशुपालक भी उनके गांव पहुंच गया। जिसने अपने पशुओं को देखकर राहत की सांस ली। पशुपालक अशरफ ने बताया कि जैसे ही उन्हें पशु चोरी होने की सूचना लगी वह तुरंत मेवात में संचालित बूच़डखानों की तरफ चल दिए। इसके बाद उन्हें अपने पशु मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते ग्रामीण उनके पशुओं को नहीं बचाते तो वह बूच़डखानों में जाकर अभी तक काट दिए गए होते। मेवात क्षेत्र में खुले बूचड़खानों ने उड़ाई पशुपालकों की नींद पशुपालक ने बताया कि जब से क्षेत्र में बूचड़खाने खुले हैं उनके गांव के लोगों की रात की नींद उड़ गई है। उन्होंने कहा कि एक एक दुधारु भैंस कम से कम एक लाख रुपये की आती है। बड़ी मुश्किल से वे पैसों का जुगाड़ कर इन्हें खरीद कर लाते हैं। लेकिन कुछ पशु चोर रात्रि में पिकअप एवं अन्य वाहनों को लेकर पशुओं को – चोरी करने की फिराक में घूमते हैं और मौका लगते ही पशुओं को चोरी कर उनको वाहन में चढ़ाकर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि पांच दिन पहले भी पुन्हाना के गांव जमालगढ में लोगों ने पशु चोरों को पकड़ा था। जिन्हें पेड़ से बांधकर पीटा गया था। जिन्होंने बुचड़खानों में चोरी के पशु बेचने की बात कबूली थी।
नूंह में चोरों ने गाड़ी से पशुओं को फैंका:राजस्थान से चुराई भैंस,बूचड़खानों में पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने पकड़ी
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