नूंह जिले के गांव नीमका में एक तालाब का अमृत सरोवर स्कीम के तहत सौंदर्यीकरण के नाम पर अधिकारियों ने ठेकेदार से मिलीभगत कर लाखों रुपए गबन करने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने बताया कि केवल कागजों में सौंदर्यीकरण का कार्य किया गया है। जबकि धरातल पर कोई कार्य नहीं किया गया। जिसको लेकर गांव के ही एक युवक ने मुख्यमंत्री को शिकायत देकर तालाब में हुए गबन की जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही पंचायत विभाग में आरटीआई भी लगाई गई है। जिससे यह पता लग सके कि तालाब के नाम पर कितनी राशि सरकार द्वार भेजी गई थी। अधिकारियों और ठेकेदार पर राशि खुर्दबुर्द करने का आरोप शिकायतकर्ता असलम पुत्र मजीद निवासी नीमका ने मुख्यमंत्री को दी शिकायत में बताया कि गांव नीमका में एक तालाब का अमृत सरोवर स्कीम के तहत सौन्दर्यकरण हुआ था। सौंदर्यीकरण के लिए आई राशि को ठेकेदार अधिकारियों से मिलीभगत कर डकार गए। तालाब में कुछ कार्य खानापूर्ति के लिए किया गया है। जिसको लेकर उन्होंने तालाब सौंदर्यीकरण में ठेकेदार द्वारा किए गए गबन की जांच की शिकायत की है। आरोप है कि ना तो तालाब में तारकशी की गई, ना ही टाइल बिछाई गई,ना ही लाइट, ना ही पेड़ पौधे व घास लगाई गई है। पानी फिल्टर के लिए ना ही कोई कुंडा बनाया गया। जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। आरटीआई से मांगा जवाब असलम ने बताया कि उन्होंने पंचायत विभाग में एक आरटीआई लगाई है। जिसमें जवाब मांगा गया है कि तालाब में हुए कार्य पर कितनी राशि खर्च की गई है। तालाब के ठेकेदार का नाम , फर्म का नाम ,जिसमे राशि विभाग द्वारा जारी कि गई तथा कौन कौन से कार्य किए गए। उन्होंने बताया कि करीब 10 दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है। पंचायत विभाग जानबूझकर उनकी शिकायत को दबाकर बैठा हुआ है। उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से राशि का गबन करने वाले अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
नूंह में तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर गबन:कागजों में हुआ कार्य, धरातल पर कुछ नहीं, मुख्यमंत्री को दी शिकायत
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