नूंह में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर घोटाला:अदालत के आदेश पर 4 किसानों सहित तत्कालीन बैंक प्रबंधक व विकास अधिकारी पर FIR

by Carbonmedia
()

हरियाणा के नूंह जिले के पुन्हाना खंड के गांवों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किसानों को लोन कराने के मामले में शहर थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर 4 किसानों सहित तत्कालीन बैंक प्रबंधक व विकास अधिकारी पर केस दर्ज किया है। इन्होंने करीब 15 लाख रुपए का लोन लेकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। पिछले महीने भी पुन्हाना पुलिस ने आधा दर्जन किसानों सहित बैंक प्रबंधक व विकास अधिकारी पर केस दर्ज किया था। पुलिस के मुताबिक अभी तक 10 केस दर्ज हो चुके है जैसे जैसे आदेश आ रहे है, कार्यवाही की जा रही है। इस मामले की जांच लंंबी चलने की उम्मीद है । जमीन नहीं होने के बाद भी दे दिया लोन गुड़गांव सेंट्रल को- ऑपरेटिव बैंक ने ग्रामीण इलाकों के किसानों की समृद्धि के लिए रिवाॅल्विंग कैश के्रडिट सहित विभिन्न प्रकार के लोन देने की योजना है। इसके तहत कम से कम एक एकड़ जमीन वाले किसान को एक लाख रुपये प्रति एकड़ लोन दिया जाना था। आरोप है कि बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर कासम खान और डेवलपमेंट आफिसर लियाकत अली ने उन लोगों के नाम लोन आवंटित कर दिया, जिनके नाम जमीन ही नहीं थी। इसके लिए जमीन के नकली दस्तावेज तैयार किए गए। दोनों अधिकारियों ने इन फर्जी दस्तावेज की तस्दीक भी की। इसके अलावा नियमानुसार यह भी पुष्टि की कि लोन लेने वाला किसान पैक्स सोसायटी का कर्जवान नहीं है और न ही जमीन कहीं गिरवी रखी हुई है। बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ फर्जीवाड़ा यह पूरा फर्जीवाड़ा बैंक अधिकारियों ने एक साजिश के तहत अंजाम दिया। जिससे बैंक को लाखो रुपयों का नुकसान हुआ है। जांच में सामने आया है कि इन किसानों ने करीब 15 लाख रुपए बैंक से हड़पे है। पुलिस ने गोधोली गांव निवासी शाहिद व याहया, टूंडलाका गांव निवासी आजाद, लुहिंगा कलां गांव निवासी तारीफ सहित तत्कालीन बैंक प्रबंधक कासम व विकास अधिकारी लियाकत अली के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पुन्हाना ब्रांच में घोटाले के ऐसे 50 से अधिक मामले है,जिनके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए गए है। तत्कालीन बैंक प्रबंधक व विकास अधिकारी की सभी मामलों में मुख्य भूमिका है। 2021 में दी थी पुलिस को शिकायत पुलिस ने नहीं सुनी तो लिया अदालत का सहारा तत्कालीन बैंक प्रबंधक कासम व विकास अधिकारी लियाकत अली की करतूत का खुलासा चार वर्ष पहले ही हो गया था। जिसको लेकर बैंक की ओर से तकरीबन चार वर्ष पूर्व नवंबर 2021 में लिखित शिकायत पुलिस को दी थी,लेकिन पुलिस ने जब कोई कार्यवाही नहीं की तो बैंक को अदालत का सहारा लेना पड़ा। पुन्हाना शहर थाना पुलिस फिलहाल मामले की जांच में जुटी हुई है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment