नूंह में फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ो का घोटाला:बैंक अधिकारियों व किसानों पर हुई 6 FIR,50 से अधिक FIR के आदेश

by Carbonmedia
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हरियाणा के नूंह जिले के पुन्हाना शहर थाना क्षेत्र अंतर्गत पुन्हाना फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गुड़गांव सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक को करोड़ों का चूना लगाने का मामला सामने आया है। इस घाटाले में फर्जी किसान से लेकर बैंक का डवलेपमेंट ऑफिसर व ब्रांच मैनेजर की मुख्य भूमिका रही। अदालत के आदेश पर 50 से अधिक फर्जी किसानों व बैंक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। पुन्हाना थाने के एसएचओ का कहना है, ‘अभी छह एफआईआर दर्ज की गई हैं, जैसे-जैसे ऑडर की काॅपी आ रही है हम कार्रवाई कर रहे हैं।’ फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर कराया लोन गुड़गांव सेंट्रल को- ऑपरेटिव बैंक ने ग्रामीण इलाकों के किसानों की समृद्धि के लिए सिसोलविंग कैश क्रेडिट लोन (आरसीसी) के तहत लोन देने की योजना तैयार की। इसके तहत कम से कम एक एकड़ जमीन वाले किसान को एक लाख रुपये प्रति एकड़ लोन दिया जाना था। आरोप है कि बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर कासम खान और डेवलपमेंट ऑफिसर लियाकत अली ने उन लोगों के नाम लोन अलॉट कर दिया, जिनके नाम जमीन ही नहीं थी। इसके लिए जमीन के नकली दस्तावेज तैयार किए गए। दोनों अधिकारियों ने इन फर्जी दस्तावेज की तस्दीक भी की। इसके अलावा नियमानुसार यह भी पुष्टि की कि लोन लेने वाला किसान पैक्स सोसायटी का कर्जवान नहीं है और न ही जमीन कहीं गिरवी रखी हुई है। पुन्हाना में 50 से अधिक किसानों को तीन लाख से पांच लाख लोन दिया अकेले पुन्हाना में ऐसे 50 से अधिक किसानों को तीन लाख से लेकर पांच लाख व इससे भी अधिक लोन बांटा गया। आरोप है कि यह पूरा फर्जीवाड़ा बैंक अधिकारियों ने एक साजिश के तहत अंजाम दिया। जिससे बैंक को करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है। बैंक की ओर से पेश हुए एडवोकेट राम निवास राव ने बताया, ‘अकेले पुन्हाना ब्रांच के में घोटाले के ऐसे 50 से अधिक मामले हैं। अदालत ने इनके खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। तत्कालीन ब्रांच मैनेजर और डेवलपमेंट ऑफिसर की सभी मामलों में मुख्य भूमिका है।’ पुलिस ने नहीं सुनी तो खटखटाया अदालत का दरवाजा तत्कालीन ब्रांच मैनेजर और डेवलपमेंट ऑफिसर की करतूत का खुलासा कुछ ही समय बाद हो गया था। इसके बाद बैंक प्रबंधन की ओर से पुन्हाना पुलिस स्टेशन को लिखित शिकायत देकर करीब साढ़े तीन साल पहले नवंबर 2025 में दोनों अधिकारियों व फर्जी किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की गुजारिश की गई थी। लेकिन शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई तो बैंक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अब निकिता भारद्वाज की एक स्थानीय अदालत ने घोटाले के आरोपियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं।

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