हरियाणा के नूंह जिले के गांव पापड़ा के एक युवक द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग में अनुदेशक की नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब विभाग द्वारा आरोपी के दस्तावेजों की भौतिक जांच कराई गई। पिनगवां पुलिस ने कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के डायरेक्टर की शिकायत पर करीब 9 महीने बाद मुकदमा दर्ज कर शुरू कर दी है। आरोपी अभी पुलिस गिरफ्तारी से दूर है। 2019 में हुआ था चयनित जानकारी के अनुसार हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा विज्ञापन संख्या 12 /2019 के तहत कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग में अनुदेशकों की भर्तियां निकली थी। जिसमें वसीम अकरम निवासी पापडा थाना पिनगवां ने भी अनुदेशक के लिए अपना आवेदन किया था। लिखित परीक्षा के बाद वसीम अकरम ने अपनी परीक्षा पास की। आवेदन करते समय वसीम अकरम द्वारा 2 साल का अनुभव सर्टिफिकेट लगाया गया था। 2022 में वसीम का चयन डीएमसी ( ड्राफ्टमैन सिविल) पद के लिए हो गया। बताया जा रहा है कि वसीम ने ड्यूटी भी ज्वॉइन कर ली थी। फर्जी बनवाया था अनुभव सर्टिफिकेट अनुदेशक के पद के लिए चयनित हुए सभी लाभार्थियों के विभाग द्वारा दस्तावेज चेक किए गए। दस्तावेजों के भौतिक सत्यापन के दौरान वसीम अकरम का अनुभव सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया। विभाग की टीम में जब जांच की तो पता चला कि वसीम अकरम ने मध्य प्रदेश स्थित एक निजी कंपनी से अपना 2 साल का फर्जी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट बनवाकर विभाग को गुमराह किया है। इसके बाद कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग पंचकूला के निदेशक द्वारा पुन्हाना आईटीआई के प्रधानाचार्य विजय कुमार को एक पत्र लिखकर आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराने के निर्देश दिए।
नूंह में फर्जी दस्तावेज से प्राप्त की नौकरी:2019 में HSSC से हुआ था सिलेक्शन, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में पकड़ा
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