हरियाणा के नूंह जिले में बिहार का रहने वाला एक युवक लावारिश अवस्था में मिला है। युवक का एक हाथ बाजू से कटा हुआ था। जिससे खून बह रहे थे। किसी अज्ञात व्यक्ति ने युवक को बंधुआ मजदूर बनाकर काम कराया था। जब मजदूरी करते हुए उसका एक हाथ कट गया तो उसे लावारिश अवस्था में छोड़ दिया गया। राहगीरों की मदद से नूंह पुलिस को इसकी सूचना मिली,जिसके बाद मौके पर पहुंचे नूंह सदर थाना में तैनात एएसआई कमल सिंह ने घायल को इलाज लिए भर्ती किया गया। पीड़ित युवक के शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। वह दर्द से तोड़ते हुए इधर उधर घूम था। काफी प्रयासों के बाद परिजनों तक पहुंची पुलिस एएसआई कमल सिंह ने सबसे पहले पीड़ित को वह अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी हाथ पर मरहम पट्टी कराई। जब उसे कुछ आराम हो गया था तो पीड़ित ने अपना नाम संतोष पुत्र भीमलाल निवासी किशनगंज (बिहार) बतलाया। जिसके बाद वहां के पुलिस अधीक्षक से बात की गई। उन्होंने संबंधित थाने में इस मामले की सूचना दी और गांव के पंच से बात की। जिसके बाद गांव के पंच ने घायल के परिजनों से जांच अधिकारी की बात कराई। बात करने के बाद पूरे मामले की जानकारी ली। जांच अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पीड़ित के परिजनों के पास फोन कर उन्हें नूंह बुलाया और उसकी हालत के के बारे में जानकारी दी। सूचना मिलने के बाद नूंह पहुंचे परिजन नूंह पुलिस ने जब पीड़ित के परिजनों से संपर्क किया तो पता चला कि पीड़ित बिहार के गांव बेतबारी वार्ड 7 थाना टेडागाछ, चिल्हानिया जिला किशनगंज का रहने वाला है। सूचना के बाद मौके पर पीड़ित का भाई जितेंद्र और अन्य लोग नूंह पहुंच गए। जहां सभी ने संतोष को पहचान लिया। जांच अधिकारी कमल सिंह ने बताया कि उन्होंने संतोष के परिजनों से यह भी जानकारी ली कि वह कैसे और किस तरह से यहां पहुंचा है। उसके बाद उन्होंने बताया कि वह काम की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था। कोई अज्ञात व्यक्ति संतोष को अपने साथ ले गया संतोष के भाई जितेंद्र ने बताया कि वह अपने कई साथियों के साथ कैथल जिले में काफी समय से खेती-बाड़ी का काम करते हैं। करीब 2 महीने पहले उनके दो भाई और पिता कैथल से बिहार के लिए रवाना हुए। वह ट्रेन से बिहार जा रहे थे। जब तीनों बहादुरगढ़ के रेलवे स्टेशन पहुंचे तो वहां संतोष और उसका दूसरा भाई ट्रेन से उतर गया। संतोष का मतलब बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन से उसे एक अज्ञात व्यक्ति 10 हजार रुपए महीने देने की बात कहकर अपने साथ ले गया। दूसरा भाई भी कहीं निकल गया। जितेंद्र ने बताया कि करीब 1 महीने पहले उनका एक भाई महेंद्रगढ़ में लावारिश अवस्था में मिला, लेकिन संतोष का कोई सुराग नहीं लग पाया। सीधा हाथ कटने के बाद सड़क पर घूम रहा था संतोष पुलिस के मुताबिक संतोष 29 जुलाई की सुबह अपना कटा हुआ हाथ लेकर नूंह तावडू रोड़ पर पैदल–पैदल नूंह की तरफ आ रहा था। रास्ते में ड्यूटी जा रहे दो अध्यापकों की नजर संतोष पर पड़ी और उससे पूछताछ की। लेकिन वह कुछ नहीं बता पाया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। संतोष के हाथ से खून बह था। शरीर पर कपड़े नहीं थे। मौके पर पहुंची पुलिस और दोनों अध्यापकों ने संतोष को अस्पताल भर्ती किया। इसके कुछ देर बाद उसने बताया कि उसे कोई अज्ञात व्यक्ति अपने साथ ले गया था और वहां पर खेतों में फसल कटाई का काम करता था। फसल कटाई करते समय उनका हाथ मशीन आ गया,जिससे उनका हाथ कट गया। जिसके बाद उक्त लोग उसे अस्पताल में बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गए।
नूंह में लावारिश अवस्था में मिला बिहार का युवक:एक हाथ कटा हुआ था,नूंह पुलिस ने परिजनों से मिलाया,बंधुआ मजदूर बनाकर कराया था काम
2