नूंह में ACB का खनन माफियाओं पर इनाम:एक अरेस्ट,तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए डेढ़ लाख का इनाम घोषित

by Carbonmedia
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नूंह जिले में अवैध खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) और एंटी करप्शन ब्यूरो गुरुग्राम की टीम लगातार कार्रवाई में जुटी हुई है। बीते दिनों एसीबी द्वारा वन विभाग, खनन एवं भूविज्ञान विभाग तथा राजस्व के चकबंदी विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की अवैध खनन में संलिप्तता को लेकर गांव बसई मेव के खनन माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में गांव बसई मेव के निवर्तमान सरपंच हनीफ उर्फ हन्ना के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ था। सोमवार को एसीबी द्वारा एक खनन माफिया को गिरफ्तार किया गया ,जिसे कोर्ट में पेश कर दो दिन के लिए रिमांड पर लिया गया है। वहीं फरार तीनों आरोपियों पर एसीबी ने 50–50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। डीएसपी की शिकायत पर हुआ था केस दर्ज बीते 1 जून को एसीबी ने डीएसपी अशोक कुमार की शिकायत पर शौकत,साबिर पुत्र रहमान और पूर्व सरपंच हनीफ उर्फ हन्ना निवासी बसई मेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरावली पहाड़ियों में अवैध खनन संबंधी गतिविधियों की निगरानी के लिए गठित सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) की 15 अप्रैल को पेश की गई निरीक्षण रिपोर्ट का हवाला दिया गया था। ये सिफारिशें रिपोर्ट के पैरा नंबर 17 में वर्णित हैं। इसमें बताया गया है कि राजस्थान बाॅर्डर के साथ लगते गांव बसई मेव में ऐसे रास्तों का निर्माण कर दिया गया जो गैर जरूरी और स्थानीय किसानों के लिए अहितकर थे। इन रास्तों का सीधा उद्देश्य अवैध खनन को बढ़ावा देना और राजस्थान सीमा के गांवों से आने वाली खनन सामग्री को अवैध तरीके से हरियाणा की सीमा में प्रवेश देना है। सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) ने बताया गांव के सरपंच और अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ खनन सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी ने अपनी सिफारिश में साफ आरोप लगाया है कि इन रास्तों का निर्माण वन विभाग, राजस्व विभाग, चकबंदी विभाग, खनन एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों ने बसई मेव गांव के सरपंच तथा खनन माफिया के साथ गठजोड़ करके करवाया है। आरोप ये भी हैं कि सरकारी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के ने खनन माफिया के साथ जुगलबंदी करके अवैध धन अर्जित करने की नीयत से कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध रास्तें बनवाए हैं। सीईसी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात पर भी हैरत जताई कि स्थानीय किसानों को न तो रास्तों के निर्माण की कोई सूचना पहले दी और न ही इसके बदले में कोई मुआवजा दिया गया। रास्तों के निर्माण से 7 मई 1992 के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उलंघना तो हुई ही, पंजाब भू संरक्षण कानून 1900 की भी धज्जियां उड़ाई गई। एक खनन माफिया को एसीबी ने किया अरेस्ट,तीन पर इनाम घोषित एसीबी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी दिल्ली ने चार सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जिसके बाद गांव बसई मेव से सोमवार को खनन में संलिप्त एक आरोपी शेर मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया था। जिसे मंगलवार को अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। रिमांड अवधि के दौरान जांच में जो भी तथ्य सामने आयेंगे उसके आधार पर करवाई कि जाएगी। बीते 1 जून को एसीबी द्वारा शौकत, साबिर और हनीफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी उसी दिन से फरार चल रहे थे । जिनकी गिरफ्तारी के लिए अब एसीबी गुरुग्राम की टीम ने 50–50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। वहीं इस मामले में डीसी विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि 30 जून तक सभी दोषियों की पहचान कर 15 जुलाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया जाएगा।

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