ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में जारी बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और विपक्ष पर तीखा हमला बोला. उन्होंने पंडित नेहरू की नीतियों से लेकर पाकिस्तान और चीन को लेकर कांग्रेस की कथित कमजोर नीति पर सवाल उठाए. पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए कहा कि देश ने दिखा दिया है कि भारत किसी भी आतंकी हमले का करारा जवाब देने में सक्षम है. पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम में उनकी भूमिका रही. पीएम ने साफ किया कि भारत अपने दम पर फैसले लेता है, और कोई बाहरी ताकत हमारी नीति तय नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक समर्थन मिला, जिससे यह साफ हुआ कि दुनिया अब भारत के साथ खड़ी है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में दिए गए भाषण की प्रमुख बातें यह रहीं:
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जवाब साफ है, जब भी मैं (जवाहरलाल) नेहरू जी की चर्चा करता हूं कांग्रेस और उसका पूरा ‘इकोसिस्टम’ बिलबिला जाता है.’ उन्होंने कहा कि भारत के हितों को ‘गिरवी’ रख देना कांग्रेस की पुरानी आदत है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण सिंधु जल समझौता है, जो नेहरू जी ने पाकिस्तान के साथ किया था.
उन्होंने कहा, ‘सिंधु जल समझौता, भारत की अस्मिता और स्वाभिमान के साथ किया गया बहुत बड़ा धोखा था. देश के एक बहुत बड़े हिस्से को जल संकट में धकेल दिया गया.’ मोदी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि इस समझौते के कारण देश बहुत पिछड़ गया, ‘हमारे किसानों को खेती का नुकसान हुआ. नेहरू जी तो उस ‘डिप्लोमेसी’ को जानते थे, जिसमें किसान का कोई वजूद नहीं था.’ उन्होंने दावा किया कि नेहरू जी ने पाकिस्तान के कहने पर यह शर्त स्वीकार की थी कि बांध में जो गाद जमी होगी, उसकी सफाई नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा कि बाद में भी कांग्रेस की सरकारों ने नेहरू जी की इस गलती को सुधारा तक नहीं, लेकिन इस पुरानी गलती को अब सुधारा गया और ठोस निर्णय लिया गया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘नेहरू जी के ‘ब्लंडर’ (सिंधु जल समझौता) को देश हित और किसान हित में अब निलंबित कर दिया गया है. भारत ने तय कर दिया है कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास राष्ट्रीय सुरक्षा का ‘विजन’ न पहले था और न आज है और उसने ‘हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा पर समझौता किया है.’
6 और 7 मई की मध्य रात्रि को, भारत ने तय योजना के अनुसार सैन्य कार्रवाई की. पाकिस्तान कुछ भी नहीं कर सका. हमारी सशस्त्र सेनाओं ने 22 अप्रैल की घटना का 22 मिनट में सटीक हमला कर बदला लिया.
कल हमारी सशस्त्र सेनाओं ने ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम के हमलावरों को ढेर कर दिया. लेकिन मुझे हैरानी हुई जब यहां कुछ लोग हंस पड़े और पूछने लगे – ‘यह कल ही क्यों हुआ?’ क्या ऑपरेशन के लिए ‘सावन का सोमवार’ तय किया गया था? इन लोगों को क्या हो गया है? ऐसी हद तक निराशा? बीते कई सप्ताहों से सवाल पूछे जा रहे थे कि ‘पहलगाम के आतंकियों का क्या हुआ?’, और जब कार्रवाई हो गई तो अब उसकी टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं.
22 अप्रैल के बाद मैंने कहा था कि यह हमारा संकल्प है – हम आतंकियों का सफाया करेंगे. मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उनके साजिशकर्ताओं को भी सजा मिलेगी… और ऐसी सजा मिलेगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी. हमें गर्व है कि आतंकियों को ऐसी सजा दी गई कि आज भी उनके मददगारों की नींद उड़ चुकी है.
आज जो लोग पूछते हैं कि हमने अब तक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर क्यों नहीं लिया, मैं उनसे पूछता हूं- पहले यह बताइए कि पाकिस्तान को पीओके कब्जाने देने की अनुमति किस सरकार ने दी थी? सिंधु जल संधि किसने की थी? पंडित नेहरू ने. उन्होंने भारत की नदियों से निकलने वाले 80 प्रतिशत जल को पाकिस्तान को देने और भारत के लिए केवल 20 प्रतिशत जल छोड़ने का निर्णय लिया. इस संधि के पीछे कौन था? नेहरू. यह संधि देश के साथ विश्वासघात थी.
दुनिया ने हमारे सैन्य अभियान का स्तर देखा- सिंदूर से लेकर सिंधु तक. ऑपरेशन सिंदूर ने तीन बातें स्थापित कीं – पहली, अगर भारत पर आतंकी हमला होता है, तो हम अपने समय, अपनी योजना और अपनी शर्तों पर जवाब देंगे. दूसरी, परमाणु हथियारों की धमकी अब नहीं चलेगी. तीसरी, अब आतंकियों और उन्हें समर्थन देने वाली सरकारों को अलग नहीं देखा जाएगा.
दुनिया के किसी भी देश ने भारत को आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करने से नहीं रोका. 193 देशों में से केवल 3 ने पाकिस्तान का समर्थन किया. चाहे क्वाड हो, ब्रिक्स हो, फ्रांस, जर्मनी, रूस – पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी रही. हमें अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला, लेकिन दुर्भाग्य है कि मेरे देश के वीरों को कांग्रेस पार्टी का समर्थन नहीं मिला. हमले के बाद पाकिस्तान ने संपर्क किया… हमारे डीजीएमओ के समक्ष उन्होंने विनती की – ‘बस करिए… बहुत मारा है, अब हम और सहन नहीं कर सकते, कृपया हमला बंद करें.’
अमेरिका के उपराष्ट्रपति (जेडी वेंस) ने मुझसे संपर्क करने की 3-4 बार कोशिश की, लेकिन मैं उस समय सशस्त्र बलों के साथ बैठकों में व्यस्त था. जब मैंने उनका कॉल वापस किया, तो उन्होंने मुझे पाकिस्तान की ओर से बड़े हमले की चेतावनी दी. मैंने उन्हें जवाब दिया – अगर पाकिस्तान भारत पर हमला करता है, तो हमारा जवाब उससे कई गुना बड़ा होगा. ‘हम गोली का जवाब गोले से देंगे.’
आज पाकिस्तान भलीभांति जानता है कि भारत का जवाब हर बार पहले से और भी सख्त होता है. वह जानता है कि यदि ऐसे घटनाक्रम दोहराए गए, तो भारत कुछ भी करने को तैयार है. और इसलिए मैं इस लोकतंत्र के मंदिर में दोहराना चाहता हूं – ऑपरेशन सिंदूर जारी है. अगर पाकिस्तान ने फिर कोई नापाक हरकत की, तो उसे करारा जवाब मिलेगा.