पंचकूला-कालका में राष्ट्रीय लोक अदालत:17 हजार केसों का निपटारा, कई न्यायिक पीठों का गठन, पूर्व विवादों का भी समाधान

by Carbonmedia
()

पंचकूला जिला न्यायालय और कालका उपमंडल कोर्ट परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सूर्य प्रताप सिंह के निर्देश और जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश सिरोही के मार्गदर्शन में यह आयोजन हुआ। 22,675 मामलों को सूचीबद्ध किया जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पंचकूला की सचिव एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपर्णा भारद्वाज ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में 22,675 मामलों को सूचीबद्ध किया गया। इनमें से 17,061 मामलों का सौहार्दपूर्ण समाधान हुआ। निपटाए गए मामलों की कुल निर्णय राशि 1,11,28,628 रुपए रही। कई न्यायिक पीठों का गठन किया पंचकूला कोर्ट परिसर में कई न्यायिक पीठों का गठन किया गया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिक्रमजीत अरोड़ा, पारिवारिक न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश रेखा और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कीर्ति वशिष्ठ ने पीठों की अध्यक्षता की। न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति संधू, मनमीत कौर और अरुणिमा चौहान भी शामिल रही। कालका न्यायालय परिसर में न्यायिक मजिस्ट्रेट रवनीत ने पीठ की अध्यक्षता की। मुकदमे-पूर्व विवादों का भी समाधान लोक अदालत में सिविल मामले, आपराधिक समझौता योग्य प्रकरण और चेक बाउंस के मामले निपटाए गए। इसके अलावा वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना दावे और अन्य मुकदमे-पूर्व विवादों का भी समाधान किया गया। सभी मामलों में आपसी समझौते के आधार पर फैसले लिए गए। प्राधिकरण की सक्रिय भागीदारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपर्णा भारद्वाज ने स्वयं विभिन्न पीठों का निरीक्षण कर कार्यप्रणाली की निगरानी की। उन्होंने वादियों, अधिवक्ताओं और न्यायालय कर्मचारियों से संवाद कर यह सुनिश्चित किया कि न्यायिक प्रक्रिया सुलभ, त्वरित और निष्पक्ष हो। संवैधानिक उद्देश्य की पूर्ति लोक अदालत का यह आयोजन संविधान के अनुच्छेद 39A में वर्णित “न्याय तक समान पहुंच” की भावना को मूर्त रूप देता है। लंबित मामलों को कम करने का प्रयास कोर्ट में लंबित मामलों को कम करने के साथ-साथ समाज में संवाद, समझौता और सहयोग की संस्कृति को भी सुदृढ़ करती है। भविष्य की प्रतिबद्धता DLSA, पंचकूला ने सभी न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, न्यायालय स्टाफ और वादियों का आभार जताते हुए भविष्य में भी ऐसी पहले जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है, जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक सस्ती, प्रभावी और त्वरित न्यायिक सहायता पहुंच सके।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment