पंचकूला में देहरादून के जिस परिवार ने मौत को लगाया गले, उसकी कार पर ये संदेह! पुलिस ने जारी किया बयान

by Carbonmedia
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Panchkula Mass Suicide:  हरियाणा के पंचकूला से एक दिल ढला देने वाली खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया है. जिसमे परिवार के सात सदस्यों ने कार के अन्दर जहर खाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली. परिवार देहरादून से पंचकुला बाबा बागेश्वर धाम के कथा वाचक धीरेन्द्र शास्त्री की कथा में शामिल होने आया था. पुलिस को कार से एक प्रेस नोट भी मिला है, जिसके मुताबिक परिवार पर काफी कर्ज था और वो इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे.


मृतकों में पति-पत्नी, तीन मासूम बच्चे और दो बुजुर्ग सदस्य शामिल हैं. इस घटना ने देहरादून से लेकर पंचकूला तक सनसनी फैला दी है. पुलिस बाकी परिजनों से भी पूछताछ कर रही है.


पंचकूला पुलिस के मुताबिक सोमवार रात करीब 11 बजे डायल 112 पर सूचना मिली कि सेक्टर-27 के मकान नंबर 1204 के बाहर खड़ी एक कार में कुछ लोग आत्महत्या कर रहे हैं. मौके पर पहुंची पंचकूला पुलिस ने कार में सवार छह लोगों को तुरंत सेक्टर-26 के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. सातवां व्यक्ति जो कार से बाहर तड़पता हुआ मिला, उसे सेक्टर-6 के नागरिक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे भी बचाया नहीं जा सका.  मृतकों की पहचान प्रवीण मित्तल, उनके पिता देशराज मित्तल और परिवार के अन्य सदस्यों के रूप में हुई है.


दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला
पुलिस को कार से दो पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है  जिसमें प्रवीण मित्तल ने लिखा कि मैं बैंक से दिवालिया हो चुका हूं. मेरी वजह से ही ये सब कुछ हुआ है. मेरे ससुर को कुछ मत कहना. सुसाइड नोट में यह भी उल्लेख किया गया कि अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उनके मामा के बेटे को सौंपी गई है.


अब तक मिली जानकारी के अनुसार प्रवीण मित्तल और उनका परिवार मूल रूप से चंडीगढ़ का रहने वाला था, लेकिन पिछले 8-9 महीनों तक देहरादून के कोलागढ़ क्षेत्र में किराए के मकान में रह रहा था. और परिवार हाल ही में पंचकूला के सेक्टर-27 में किराए के मकान में शिफ्ट हुआ था. प्रवीण मित्तल टूर एंड ट्रैवल्स का व्यवसाय करते थे और  साथ ही ‘चाइल्ड लाइफ केयर मिशन’ नामक एक एनजीओ भी चलाते थे. परिवार पर कथित तौर पर 15-20 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसके कारण उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं. परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि उनका गुजारा भी मुश्किल हो रहा था.


परिवार पंचकूला में बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा में शामिल होने के लिए देहरादून से आया था. कथा समाप्त होने के बाद, देहरादून वापस लौटने से पहले परिवार ने सेक्टर-27 में कार में जहर खाकर आत्महत्या कर ली. जिस कार में यह घटना हुई, वह देहरादून के मालदेवता निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर रजिस्टर्ड है थी. गंभीर सिंह ने बताया कि उन्होंने प्रवीण मित्तल से एनजीओ के काम के सिलसिले में मुलाकात की थी और दोस्ती के चलते यह वाहन उनके नाम पर फाइनेंस करवाया गया था, जिसे आजकल प्रवीण उपयोग कर रहे थे.


पुलिस ने शुरू की जांच
शवों को पोस्टमार्टम को भेज पंचकूला पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. साथ ही  देहरादून पुलिस भी परिवार के अन्य रिश्तेदारों से संपर्क कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर परिवार ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया. इस घटना ने पंचकूला से लेकर देहरादून तक लोगों को ग़मगीन कर दिया है. हर कोई हैरान है कि क्या वाकई कर्ज और आर्थिक स्थिति की वजह से परिवार ने इतना बड़ा कदम उठाया.

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