पंजाबी सिंगर गुरदास मान के भाई का निधन:2 महीने से मोहाली में इलाज चल रहा था, कल चंडीगढ़ में अंतिम संस्कार

by Carbonmedia
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पंजाबी सिंगर और एक्टर गुरदास मान के छोटे भाई गुरपंथ मान का देहांत हो गया। उन्होंने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में सोमवार शाम 5 बजे अंतिम सांस ली। वह किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। इसकी वजह से वह पैरालाइज्ड भी हो गए थे। 2 महीने से उनका इलाज चल रहा था। कल यानी मंगलवार को उनका चंडीगढ़ में अंतिम संस्कार होगा। गुरपंथ मान (68) मूलरूप से गिदड़बाहा के रहने वाले थे।​​​​​​ वह कस्बे की ही मंडी में कमीशन एजेंट का काम करते थे। कुछ दिन पहले छुट्‌टी मिली थी, आज अचानक तबीयत बिगड़ी
उनके रिश्तेदारों के मुताबिक, गुरपंथ की हालत में कुछ दिन पहले सुधार हुआ था। इसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्‌टी मिली थी। कुछ दिन उन्होंने घर में ही गुजारे। इसके बाद आज उनकी तबीयत फिर से बिगड़ी। उन्हें फौरन अस्पताल लाया गया था, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गुरपंथ के परिवार में उनकी पत्नी, बेटा गुरनियाज और बेटी गुड्डू हैं। गुरनियाज और गुड्डू कनाडा में रह रहे हैं, जबकि गुरपंथ गिदड़बाहा में अपनी पत्नी के साथ रहते थे। गुरदास और गुरपंथ दो ही भाई थे, और उनकी एक बहन भी है। बेटा घर पर, बेटी 10 दिन पहले कनाडा गई
परिवार के करीबी एडवोकेट गुरमीत मान ने बताया है कि गुरपंथ के निधन की सूचना उनके बच्चों को दे दी गई है। इन दिनों गुरपंथ का बेटा तो घर ही आया हुआ है, जबकि उनकी बेटी करीब 10 पहले ही कनाडा लौटी है। उसे जानकारी दे दी गई है। गुरमीत ने कहा- उम्मीद है कि वह अभी फ्लाइट पकड़ लेगी और सुबह अपने पिता के संस्कार में शामिल हो जाएगी। गुरदास मान के साथ 1990 तक किया काम
गुरमीत बताते हैं कि गुरपंथ, गुरदास मान से छोटे थे। साल 1990 तक वह गुरदास मान के साथ ही काम करते थे। वह मेंडोलिन बजाते थे, लेकिन 1990 के बाद उन्होंने गिदड़बाहा में अपनी दुकान कर ली थी। इसके अलावा वह खेतीबाड़ी भी करते थे। उनका व्यवहार काफी अच्छा था। गुरदास मान के जीवन से जुड़ी ये 2 घटनाएं भी जानिए…. 2001 में बाल-बाल बचे थे गुरदास मान
2001 में गुरदास मान एक भयानक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। पंजाब के रोपड़ के पास यह दुर्घटना तब हुई, जब वे एक लाइव परफॉर्मेंस से लौट रहे थे। तेज रफ्तार के कारण उनकी गाड़ी सामने से आ रही एक बस से टकरा गई। इस हादसे में उनके ड्राइवर तेजपाल की मौके पर ही मौत हो गई, लेकिन सीटबेल्ट पहनने के कारण गुरदास मान बाल-बाल बच गए। वे इस घटना को गुरुनानक देव जी की कृपा मानते हैं और अपने जीवन का एक बड़ा मोड़ बताते हैं। 2016 में मान की मां का निधन हुआ
गुरदासमान की मां तेज कौन का 16 नवंबर 2016 को निधन हो गया था। वह 86 साल की थीं और हार्ट की बीमारी से जूझ रही थीं। 17 नवंबर 2016 को उनका अंतिम संस्कार गिद्दड़बाहा में किया गया था। तब गुरदासमान ने कहा था कि मां की मौत का दुख संसार का सबसे बड़ा दुख होता है। उनका वश चले तो किसी बेटे से उनकी मां का साथ कभी न छूटे। उनकी तो यही दुआ है कि किसी से उसकी मां का दामन कभी न छूटे।

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