भास्कर न्यूज|लुधियाना पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) के एकारोलॉजी रिसर्च सेंटर ने राष्ट्रीय स्तर पर एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने पीएयू के इस सेंटर को देश का दूसरा सर्वश्रेष्ठ रिसर्च सेंटर घोषित किया है। यह सम्मान ऑल इंडिया नेटवर्क प्रोजेक्ट ऑन एग्रीकल्चरल एकारोलॉजी के तहत दिया गया। खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट में पहली बार किसी रिसर्च सेंटर को यह खिताब मिला है। यह अवॉर्ड 3 और 4 जुलाई 2025 को तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, कोयंबटूर में हुई वार्षिक बैठक में दिया गया। पीएयू एकारोलॉजी सेंटर को यह सम्मान सब्जियों में पाए जाने वाले माइट्स के प्रबंधन के लिए पर्यावरण-अनुकूल तकनीकें विकसित करने, पंजाब व आसपास के राज्यों में नए माइट्स की निगरानी करने और किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए मिला है। सेंटर ने माइट्स नियंत्रण के लिए ऐसे तरीकों को विकसित किया है, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं और किसान इन्हें अपनाकर बेहतर पैदावार ले सकते हैं। यह तकनीकें रसायनों पर निर्भरता को कम करती हैं, जिससे मिट्टी और फसलों की गुणवत्ता बनी रहती है। वैज्ञानिकों की मेहनत :को सराहना पीएयू के वाइस चांसलर डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने एकारोलॉजी टीम और एंटोमोलॉजी विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि पीएयू के रिसर्च की गुणवत्ता और किसानों के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। रिसर्च डायरेक्टर डॉ. अजमेर सिंह धत्त और एक्सटेंशन एजुकेशन डायरेक्टर डॉ. एमएस भुल्लर ने भी वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं। इस प्रोजेक्ट की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. मनमीत ब्रार भुल्लर हैं, जो एंटोमोलॉजी विभाग की प्रमुख भी हैं। को-पीआई डॉ. परमजीत कौर ने भी इस उपलब्धि में अहम भूमिका निभाई। डॉ. मनमीत ने कहा कि यह सम्मान पीएयू के लिए एक बड़ा गर्व है और आने वाले समय में रिसर्च को किसानों के बीच पहुंचाने का प्रयास और तेज किया जाएगा।
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी को मिला देश का दूसरा सर्वश्रेष्ठ एकारोलॉजी रिसर्च सेंटर अवॉर्ड
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