पंजाब कांग्रेस भी साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। इसी कड़ी में संगठन को मजबूत किया जा रहा है ताकि विधानसभा की जंग को आसानी से लड़ा जा सके। पार्टी की तरफ से 38 विधानसभा हलकों में कोऑर्डिनेटर और 58 संगठन ऑब्जर्वर तैनात किए गए हैं। यह ऑर्डर पार्टी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की तरफ से जारी किए गए हैं दोनों पदों के महत्व को तीन प्वाइंटों में समझें 1.संगठन को सक्रिय करना: दोनों ही पद जमीन स्तर पर संगठन को सक्रिय करने, रणनीति लागू करने और कार्यकर्ताओं को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2.पार्टी नीतियों का संचार: यह सुनिश्चित करते हैं कि पार्टी की नीतियां और उम्मीदवार की छवि सही तरीके से जनता तक पहुंचे। 3. रिपोर्ट और सुझाव: इनकी रिपोर्ट और सुझाव के आधार पर नेतृत्व चुनाव रणनीति में बदलाव भी कर सकता है। लोकसभा AAP को तीन सीटों पर रोका था साल 2022 में जब विधानसभा चुनाव हुए, तो उस समय आम आदमी पार्टी की हवा थी। पार्टी ने 117 सीटों में से 92 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि कांग्रेस केवल 17 सीटों पर सिमट गई थी। वहीं, अकाली दल और भाजपा ने अलग होकर चुनाव लड़ा था, और दोनों का परिणाम निराशाजनक रहा था। हालांकि, इसके बाद जब 2024 के लोकसभा चुनाव हुए, तो कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी। कांग्रेस ने 13 सीटों में से 7 जीतने में सफलता पाई, जबकि आम आदमी पार्टी को 3 सीटें मिलीं। अकाली दल को 1 और निर्दलीय को 2 सीटें मिलीं। हालांकि, भाजपा खाता नहीं खोल पाई थी, जबकि वोट प्रतिशत के मामले में पार्टी तीसरे नंबर पर आ गई थी। संगठन ऑब्जर्वर सूची इस प्रकार हैं – कोऑर्डिनेटर नियुक्ति के ऑर्डर
पंजाब कांग्रेस ने 38 कोर्डिनेटर व 58 आब्जर्वर घोषित किए:सभी को विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी, 2027 चुनाव की तैयारी
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