पंजाब के मंत्री हरजोत बैंस को श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होने के आदेश, जानें वजह

by Carbonmedia
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पंजाब में पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस और भाषा विभाग के डायरेक्टर को 1 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होने के आदेश दिए गए हैं. यह कार्रवाई श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की 350वीं वर्षगांठ पर आयोजित पंजाब सरकार के शुरुआती समागम में नाच-गाने के आयोजन को लेकर की गई है.
श्री अकाल तख्त साहिब ने इस पर सख्त नोटिस लेते हुए दोनों अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा है. इस मामले पर SGPC अध्यक्ष ने भी प्रतिक्रिया दी है. एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि मैंने पिछले दिनों पंजाब सरकार से अनुरोध किया था कि नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी जयंती और दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की 350वीं गुरु गद्दी दिवस का आयोजन करना शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) का कर्तव्य है.
धार्मिक समागमों में शिष्टाचार जरूरी- धामी
धामी ने कहा कि इसलिए पंजाब सरकार को अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित नहीं करने चाहिए. सरकार को किसी हीन भावना में नहीं आना चाहिए. शिष्टाचार का पालन आवश्यक है. यदि कोई धार्मिक आयोजन होता है, तो वह सेवा अमृतधारी सिंहों से ही की जाती है.
उन्होंने कहा कि पहले से ही यह आशंका थी कि जब राजनीतिक दल धार्मिक आयोजन करते हैं, तो किसी न किसी रूप में मर्यादा का उल्लंघन होता है. हरजोत बैंस उस समय श्रीनगर में थे और वहां एक बड़ा उल्लंघन हुआ. मैं आज भी निवेदन करता हूं कि इसे प्रतिष्ठा का विषय न बनाया जाए.
एडवोकेट ने कहा कि पंजाब सरकार को SGPC से आयोजित सभी शताब्दी समारोहों में शामिल होने के लिए खुला निमंत्रण है. हरजोत बैंस ने यह साबित कर दिया है कि वे मर्यादा के प्रति अनभिज्ञ हैं. बीर सिंह ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी है. ‘शबद कीर्तन’ और ‘गीत-संगीत’ में अंतर होता है. 
नाच गाकर मनाने से शहादत हुई अपमानित
धामी ने कहा कि सरकार को सहयोग करना चाहिए और एक स्मारक बनवाना चाहिए, जिससे यह शताब्दी समागम हमेशा के लिए यादगार बन सके. दिल्ली कमेटी दिल्ली में कार्यक्रम आयोजित कर रही है. हरियाणा, पटना साहिब और हजूर साहिब में भी मर्यादा अनुसार कार्यक्रम हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पहले माफी मांगनी चाहिए और जिद छोड़कर शिरोमणि कमेटी का सहयोग करना चाहिए. पहले ही समागम से स्पष्ट हो गया था कि राज्य सरकार गुरुपर्व की शहादत को नाच-गाकर मनाने जा रही है. यह बहुत बड़ी भूल है.
सरकार SGPC संग करे आयोजन- एडवोकेट
एडवोकेट धामी ने कहा कि अब माफी से काम नहीं चलेगा. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे के सभी कार्यक्रम SGPC के साथ मिलकर आयोजित किए जाएं,न कि अलग-अलग.
उन्होंने कहा कि 1 अगस्त को होने वाली पांच सिंह साहिबान की बैठक में हरजोत बैंस को, एक साबत-सूरत सिख होने के कारण, तलब किया गया है. वहीं मुख्यमंत्री को, पतित सिख होने के कारण, नहीं बुलाया गया है.

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