पंजाब के शिक्षामंत्री श्री अकाल तख्त के सामने पेश होंगे:शहीदी समारोह में पंजाबी सिंगर बुलाकर नाच-गाना कराया; पांच सिंह साहिबानों को जवाब देंगे

by Carbonmedia
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पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस आज अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होंगे। 24 जुलाई को पंजाब भाषा विभाग की तरफ से जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में पंजाबी सिंगर बीर सिंह ने परफॉर्मेंस दी थी। कार्यक्रम में हुए नाच-गाने को लेकर श्री अकाल तख्त ने नाराजगी जाहिर की। 1 अगस्त को मंत्री हरजोत सिंह बैंस और भाषा विभाग के डायरेक्टर जसवंत सिंह जफर को पांच सिंह साहिबानों के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया। उस दिन बैठक स्थगित हो गई थी। दोनों को 6 अगस्त को पेश होने को कहा गया। इस बैठक की अध्यक्षता कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज करेंगे। हालाकि, जफर विदेश में होने के कारण पेश नहीं होंगे। उन्होंने श्री अकाल तख्त को कहा है कि पारिवारिक समारोह के चलते वह बाद में व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे। उनकी मांग को स्वीकार कर लिया गया है। विवाद होते ही बीर सिंह ने पेश होकर माफी मांगी
श्रीनगर में हुए प्रोग्राम के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। कार्यक्रम के अगले ही दिन 25 जुलाई को बीर सिंह श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश हुए और सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली। साथ ही कहा कि अपने पूरे संगीत करियर में मैंने हमेशा साफ-सुथरे और सम्मानजनक गीत ही गाए हैं। जो भी सेवा दी जाएगी मैं उसे नम्रतापूर्वक स्वीकार करूंगा। बीर सिंह ने कहा कि मैं सीधा ऑस्ट्रेलिया से श्रीनगर पहुंचा था। वहां मोबाइल नेटवर्क बंद हो गया था, जिससे मुझे कार्यक्रम की प्रकृति की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी। जब मंच पर मुझे एहसास हुआ कि यह कार्यक्रम श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत को समर्पित है, तो मैंने तुरंत अपनी गलती स्वीकार की, संगत से माफी मांगी, जूते उतारे और ‘श्लोक महला 9’ का पाठ किया। उन्होंने आगे कहा कि सबसे बड़ी गलती मेरी प्रबंधन टीम की थी, जिसने मुझे इस धार्मिक कार्यक्रम की गंभीरता नहीं बताई। मैंने वह टीम हटा दी है और भविष्य में पूरी मर्यादा और जानकारी के साथ ही किसी आयोजन में भाग लेंगे। हरजोत बैंस ने लिखा- प्रभु आप क्षमा करने वाले
सिंगर बीर सिंह के माफी मांगे जाने और समन होने के बाद 27 जुलाई को शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट की। उन्होंने गुरबाणी की एक पंक्ति साझा करते हुए माफी मांगी थी। बैंस ने लिखा- “हम तो हमेशा अपराध और भूल करने वाले हैं, लेकिन आप (हे प्रभु) हमेशा क्षमा करने वाले हैं।” हरजोत बैंस के माफीनामे की पोस्ट… जत्थेदार बोले- ये सिख मर्यादा के खिलाफ
श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय के इंचार्ज सरदार बगीचा सिंह ने बताया कि दोनों अधिकारियों को आधिकारिक पत्र जारी कर पेश होने के लिए सूचित किया गया है। जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की समाज के प्रति नैतिक और धार्मिक जिम्मेदारी होती है और इस तरह के गंभीर मामलों में उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। यह पहली बार हुआ है जब किसी शहीदी शताब्दी समारोह की शुरुआत नाच-गाने और मनोरंजन के साथ की गई, जो सिख मर्यादा और भावनाओं के सर्वथा विपरीत है। धामी ने कहा- पवित्र अवसर को मनोरंजन का माध्यम बनाया
वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत सिख ही नहीं, संपूर्ण धार्मिक इतिहास में सर्वोच्च और अनूठी मिसाल है। ऐसे समागम गुरमत मर्यादा, श्रद्धा, अनुशासन और गुरबाणी के सम्मान के अनुरूप होने चाहिए। भाषा विभाग ने इस पवित्र अवसर को मनोरंजन का माध्यम बना दिया, जिससे सिख संगतों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। 24 जुलाई को श्रीनगर में हुए प्रोग्राम का इनविटेशन कार्ड… ————————– ये खबर भी पढ़ें :- पंजाब सरकार के श्रीनगर में समागम पर SGPC नाराज:350वीं शहादत शताब्दी कार्यक्रम पर नाच-गान हुआ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहादत शताब्दी पर पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने समागम में हुई प्रस्तुतियों की कड़ी निंदा की है। पढ़ें पूरी खबर…

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