अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंस डॉक्टर्स और एमबीबीएस डॉक्टर्स आज हड़ताल पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि उनका स्टाइपेंड बढ़ाया जाए। पंजाब में फीस हर साल बढ़ती है, लेकिन स्टाइपेंड नहीं बढ़ा। जिसके लिए आज अमृतसर, पटियाला और फरीदकोट तीनों स्थानों के सरकारी मेडिकल कॉलेज में हड़ताल चल रही है। सरकारी मेडिकल कॉलेज, मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर अर्चित बावा ने बताया कि पंजाब में इस समय डॉक्टर बनाना सबसे मुश्किल है। पंजाब में हर साल एमबीबीएस की फीस में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है। जिसके कारण अब सरकारी फीस ही 10 लाख हो चुकी है। यह सिर्फ फीस है, इसमें रहने, खाने और अन्य खर्चे शामिल नहीं है। इसके अलावा 2 साल के बॉन्ड के 20 लाख मांगे जाते हैं। वहीं इन सबके बाद एक डॉक्टर को स्टाइपेंड सिर्फ 15 हजार रुपए मिलते है। पंजाब में एमबीबीएस की फीस सबसे ज्यादा- डॉ. गुरप्रीत रेजिडेंस डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ. गुरप्रीत सिंह ने बताया कि पूरे भारत की बात करें तो पंजाब में एमबीबीएस की फीस इस समय सबसे ज्यादा है और स्टाइपेंड सबसे कम है। पंजाब सरकार रंगला पंजाब बनाने की बात करती है, लेकिन ऐसे कैसे रंगला पंजाब बनाया जाएगा। मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल रहेगी जारी- डॉ. बावा डॉ. बावा और डॉ. गुरप्रीत के मुताबिक इससे पहले कई बार सड़कों पर छुट्टियां लेकर प्रोटेस्ट किया गया, लेकिन पंजाब सरकार सिर्फ लारा लगाती आ रही है। जिसके बाद आज मजबूरन पंजाब के तीनों सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रोटेस्ट किया जा रहा है। प्रोटेस्ट के दौरान ओपीडी को बंद रखा गया है और इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी तरह से मानी नहीं जाती वो हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। उनकी मांग है कि उनका स्टाइपेंड बढ़ाया जाए के फीस को कम किया जाए, ताकि बच्चे अपना डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकें।
पंजाब के 3 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की हड़ताल:ओपीडी बंद, इमरजेंसी सेवाएं चालू; बोले- MBBS की फीस सबसे ज्यादा, स्टाइपेंड सबसे कम
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