पंजाब सीएम ने तमिलनाडु में पीएम पर बोला हमला:बोले- अच्छे दिन कब आएंगे, पंजाब में भी शुरू होगी ब्रेक फास्ट स्की

by Carbonmedia
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तमिलनाडु दौरे पर हैं। मंगलवार को वह वहां की सरकार द्वारा शहरी प्राथमिक स्कूलों के लिए शुरू की गई ब्रेकफास्ट स्कीम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के साथ मिलकर पहले बच्चों को खाना परोसा और फिर उनके साथ बैठकर भोजन भी किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पंजाब भी अपने स्कूलों में इस योजना को लागू करेगा। इस विषय पर कैबिनेट में चर्चा की जाएगी। वहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला। भगवंत मान ने कहा, “आजकल प्रधानमंत्री नेशनल लेवल पर कुछ भी बोल देते हैं। लोग उन्हें गालियां देते हैं। झूठ पर झूठ, जुमले पर जुमला बोले जा रहे हैं। ‘अच्छे दिन आएंगे’—पता नहीं कब आएंगे। उनके लिए तो आएंगे, लेकिन हमारे लिए नहीं आए। मैंने संसद में भी कहा था कि मोदी जी की हर बात जुमला निकली। चाय बनाने की बात भी सच नहीं थी। सच ही आगे चलता है। उन्होंने कहा कि स्पीच से देश धर्मगुरु नहीं बनेगा। तमिलनाडु का खाना पंजाब के हर कस्बे में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में अनाज की कोई कमी नहीं है। पंजाब देश का फूड बाउल है। उन्होंने कहा कि अब तमिलनाडु का खाना राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हो चुका है। पंजाब के हर कस्बे में मसाला डोसा, उपमा और पानीपुरी आसानी से मिल जाते हैं। हालांकि, पंजाबी खाना थोड़ा भारी माना जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस स्कीम को यहां अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा। सीएम ने बताया कि उनकी सरकार ने अब तक 881 आम आदमी क्लीनिक खोले हैं और 200 और खोलने की तैयारी है। इन क्लीनिकों से रोजाना करीब 70 हजार लोग लाभ उठा रहे हैं। यहां सारा इलाज बिल्कुल मुफ्त है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूलों का परिणाम भी काफी बेहतर हुआ है। इस साल 805 सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों ने नीट एग्जाम पास किया है, 469 ने जेईई और 44 विद्यार्थियों ने जेईई एडवांस भी क्लीयर किया है। जब बच्चे खुश होकर पढ़ेंगे तो उनका रिजल्ट और बेहतर हो पंजाब और तमिलनाडु के रिश्ते गहरे इस अवसर पर तमिलनाडु सरकार ने कहा कि पंजाब और तमिलनाडु के रिश्ते बहुत गहरे हैं। वर्ष 1969 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने पंजाब का दौरा किया था। उस समय वह लुधियाना कृषि विश्वविद्यालय गए थे और वहां के मॉडल का अध्ययन किया था। इसके बाद 1971 में कोयंबटूर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई।

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