पंजाब के CM भगवंत मान ने आज संगरूर में थे। इस दौरान उन्होंने कई विकास प्रोजेक्ट लोगों को समर्पित किए। इस मौके उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और कांग्रेसी नेताओं पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल कहते हैं कि सड़क पर जहां भी देखोगे, सारा काम बादल साहब ने करवाया है। तो फिर लोगों ने इन्हें वोट क्यों नहीं दिए? सरकारी कॉलेज नहीं दिखा, सरकारी स्कूल नहीं दिखा, कोई यूनिवर्सिटी नहीं बनाई। सड़क पर जो भी बसें दिखती हैं, वह बादल साहब की हैं। जो ढाबे और हवेलियां दिखती हैं, वह बादल साहब की हैं। तरक्की तो दिखाओ! कचहरियों में रिश्वत खत्म नहीं हुई। बच्चों को नशों में लगा दिया, यह बादल साहब ने किया। जबकि कांग्रेस में कुर्सी की जंग है। बादल साहब की नहीं मानी सुखबीर ने मानते हो मेरी बात? क्योंकि 2010 से 2017 तक अकाली दल की सरकार रही। बादल साहब तो सुखबीर को कहते रहे — “ओए, कंट्रोल कर ले इस पर, अपने साले पर कंट्रोल कर, यह तुझे रगड़ा लगा (नुकसान पहुंचा) देगा।” नहीं किया तो अब देख लो। बुजुर्गों की बात बाद में समझ आती है। 2009 में एक हज़ार व्यक्ति नशे के आदी थे, 2017 में यह संख्या 20 लाख हो गई। नशा किसने पहुंचाया? अब हर बात पर लगे रहते हैं एक बार अपनी पार्टी लेकर आओ!” बड़ी मुश्किल से पीछा छुड़ाया है। अगर ये अच्छे होते, तो हम आते ही क्यों थे? अब बंदा नाभा छोड़ने हमें आ गया है मैं अच्छा कलाकार था, एक-डेढ़ घंटे के लिए तीन-चार लाख ले लेता था। बाजवा गालियां निकालता है, यह मटीरियल कहां से आ गया? ए लोगों ने हमें चुना, अब हम आ गए। मैं कहता हूं, साइकिल चलाने के चार तरीके होते हैं। आखिर तक आते है तो काठी पर कंट्रोल आ जाता है, फिर सब पता चल जाता है। फिर उसे खींचना सीखना होता है। अब काठी पर आ गए, खींचना भी आ गया। करियर के पीछे बंदा बिठाकर नाभा छोड़ आते हैं। नाभा तक खींचना भी सीख लिया। ये कहते हैं कि अनुभव नहीं है। अनुभव से तो लोग दुखी हैं। मेरे पास लोगों के ढाबों पर हिस्सा उगालने का कोई अनुभव नहीं है, मेरे पास लोगों के सुख-दुख देखने का अनुभव है। कांग्रेस में कुर्सी का रोना है कांग्रेस का भी यही हाल है। कांग्रेस का हाल यह था कि केस खराब कर दिए। आप देख लो, पहले कहते थे बड़ी मछलियां नहीं पकड़ते, जब बड़ा पकड़ लिया तो हाहाकार मच गया। चन्नी, बाजवा उसके हक में बोलते हैं, खैहरा उसका स्टाफ मेंबर है, बिट्टू और कैप्टन उसके हक में बोलते हैं — सारे मिले हुए थे। जब लोगों ने शोर मचाया तो चन्नी ने कहा “मुझे लगा परगट को पकड़ने लगे।” इनका रोना कुर्सियों का है। कोई किसी को ज्वाइन करवा जाता है। कभी पंजाब की बात की? भगवंत मान केजरीवाल को गालियां देते हैं भगवंत मान और केजरीवाल को गालियां देते हैं। गालियां देकर कैसे जाएंगे? कैंसर से निपटने के समय क्या इस तरह के समारोह हुए थे? सुना है कि बलदेव मान आ गया है हारने का रिकॉर्ड बना लिया। किसी नए आदमी को आने नहीं देंगे, किसी नए वालंटियर को तैयार नहीं करते। धर्म वाली साइड से लूट कर गए। मैं निशान साहिब को दूर से देखकर माथा टेक देता हूं। अब देखना, कल लड़ेंगे। बुजुर्ग कहते हैं कि रब की चक्की धीरे चलती है, लेकिन वह पीसती बहुत महीन है। भर्ती कमेटी के बहाने सुखबीर पर निशाना साधा
सीएम भगवंत मान ने भर्ती कमेटी के बहाने सुखबीर पर निशाना साधा है। सीएम ने कहा कि अब अब सुखबीर माफी मांग रहे है, कह रहे कि सब इकट्ठे हो जाओ। अब सुखबीर बादल को डर है कि अकाली दल के टुकड़े होने लगे है। अकाली दल 1920 में शुरू हुआ और 2019 में खत्म हो गया । अकाली दल सौ साल की लीज थी, अब खत्म हो गई है।
पंजाब सीएम मान का अकाली दल व चन्नी पर तंज:सड़कों पर विकास नहीं, सारी बसें बादलों की; कांग्रेस में कुर्सी की जंग
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