पंजाब-हरियाणा में ED की रेड में देशी-विदेशी स्टाम्प्स मिले:​​​​​​​इन्हीं से खुद तैयार करते थे सरकारी दस्तावेज, हवाला नेटवर्क से डॉन्कर्स तक पहुंचाते थे पैसा

by Carbonmedia
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जालंधर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंजाब और हरियाणा में फैले डंकी रूट से विदेश भेजने वाले अवैध नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मानसा, कुरुक्षेत्र और करनाल में 7 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई 11 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई थी। मामले की दो दिन जांच के बाद कल यानी रविवार को ईडी रिकवरी को लेकर बयान जारी किया। ईडी की यह कार्रवाई 9 जुलाई को की गई पूर्व छापेमारी में मिली सामग्री और सबूतों के आधार पर की थी। इस पर ईडी को छापेमारी के दौरान कई देशों की फर्जी मुहरें, वीजा टेम्पलेट्स, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस मिले, जिनें ईडी ने जब्त कर लिया है। विदेश भेजने के लिए फर्जी सरकारी स्टॉम्प का करते थे इस्तेमाल जांच में खुलासा हुआ कि फर्जी इमिग्रेशन स्टाम्प और विदेशी वीजा स्टाम्प का इस्तेमाल भारतीयों के यात्रा रिकॉर्ड में हेरफेर कर उन्हें वैध दिखाने के लिए किया जाता था। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों को खतरनाक और गैरकानूनी डंकी रूट से अमेरिका व अन्य देशों तक पहुंचाया जाता था। इन रूट्स में लोग कई देशों की सीमा अवैध रूप से पार करते थे और इस दौरान तस्करी के नेटवर्क के डॉन्कर्स उनकी मदद करते थे। ईडी ने बताया कि छापों के दौरान पुख्ता सबूत मिले हैं कि जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी हुई, वे इस अवैध कारोबार में सीधे तौर पर शामिल थे। इनमें से कई ने इस कारोबार से भारी मात्रा में चल-अचल संपत्तियां भी अर्जित कीं। जब्त दस्तावेजों और उपकरणों से यह भी सामने आया कि हवाला के जरिए विदेशों में पैसे भेजे जा रहे थे। हवाला के जरिए विदेशी एजेंसियों को पहुंचाए जाते थे पैसे ईडी की पहले की जांच में यह भी सामने आया था कि अवैध इमिग्रेशन और डंकी रूट से जुड़े इस नेटवर्क में बिचौलिए, ट्रैवल एजेंट, भारतीय और विदेशी नागरिक शामिल हैं। कई एजेंटों ने कानूनी यात्रा का झांसा देकर लोगों को विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये वसूले। वे गुप्त व्हाट्सएप चैट और एन्क्रिप्टेड प्लेटफार्म के जरिए अपने ग्राहकों के साथ संपर्क करते थे। ईडी ने बताया कि जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि विदेशी काउंटर पार्ट्स के साथ मिलकर इन्हीं एजेंटों ने हवाला के जरिए भुगतान मंगवाए। अवैध बोर्डिंग पास और फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए जाते थे, जिन्हें बाद में डंकी रूट के लिए इस्तेमाल किया जाता था। ईडी ने कहा कि इस पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच तेजी से जारी है। अभी तक कई अहम सुराग हाथ लगे हैं और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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