Aligarh Railway Station News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक मासूम की जान बचा ली. मामला बिहार की राजधानी पटना का है, जहां से अपहरण किए गए एक बच्चे को जिसे अपहरणकर्ता दिल्ली की ओर ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन से ले जा रहे थे. मगर अलीगढ़ स्टेशन पर आरपीएफ ने समय पर कार्रवाई करते हुए बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया. इस घटनाक्रम में जहां एक ओर आरपीएफ की तत्परता की सराहना हो रही है, वहीं दूसरी ओर दो अज्ञात आरोपी पुलिस की गिरफ्त से अब तक बाहर हैं.
घटना की शुरुआत तब हुई जब पटना जिले के बेटा थाना अंतर्गत चौरा गोपालपुर गांव निवासी बाबूलाल का 12 वर्षीय पुत्र विकास अपने स्कूल का हॉलिडे होमवर्क पूरा करने के लिए जरूरी सामान खरीदने बाजार गया था. परिजनों के अनुसार, बाजार से लौटते वक्त विकास को दो अज्ञात व्यक्तियों ने बहला-फुसलाकर एक टेंपो में बैठा लिया. फिर बंदूक दिखाकर उसे डरा-धमकाकर पटना जंक्शन ले गए, जहां से ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन में चढ़ा दिया. लेकिन विकास की हिम्मत और सूझबूझ ने उसकी जान बचा ली. ट्रेन के सफर के दौरान उसने शौच के बहाने अपहरणकर्ताओं से थोड़ी दूरी बनाई और मौके का फायदा उठाकर एक सहयात्री से मोबाइल मांग लिया. इस मोबाइल से उसने अपने घर फोन कर खुद के अपहरण की जानकारी दी. वहीं विकास द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर परिजनों ने तुरंत रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर संपर्क किया. रेलवे कंट्रोल रूम ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए तत्काल अलीगढ़ आरपीएफ को सूचना दी.
क्या कहते हैं अधिकारी?
अलीगढ़ आरपीएफ टीम के प्रभारी सहायक सुरक्षा आयुक्त गुलजार सिंह ने बताया कि, उन्हें ट्रेन की तीसरी बोगी में एक बच्चे के साथ दो संदिग्ध लोगों के होने की सूचना मिली थी. सूचना मिलते ही आरपीएफ की टीम अलर्ट हो गई और अलीगढ़ स्टेशन पर जैसे ही ब्रह्मपुत्र मेल पहुंची, टीम ने तुरंत ट्रेन की तीसरी बोगी को खंगालना शुरू किया. दिए गए हुलिए और पहचान के आधार पर उन्होंने बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया. हालांकि, मौके का फायदा उठाकर दोनों आरोपी वहां से फरार होने में सफल रहे.
बरामद होने के बाद विकास ने पूरी घटना की जानकारी आरपीएफ और बाल कल्याण अधिकारियों को दी. उसने बताया कि जब वह बाजार में था, तभी दो अजनबियों ने उसे बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया. उन्होंने रास्ते में पिस्तौल दिखाकर धमकाया और पटना जंक्शन से दिल्ली की ओर जा रही ट्रेन में बिठा दिया. विकास ने बताया कि उसे डरा-धमकाकर चुप रहने को कहा गया, लेकिन रास्ते में उसने साहस दिखाते हुए एक यात्री से मोबाइल लेकर अपने परिजनों से संपर्क कर लिया, जिससे उसकी जान बच गई.
चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंपा गया बच्चा
आरपीएफ ने बच्चे को पूरी तरह से सुरक्षित पाए जाने के बाद चाइल्ड हेल्पलाइन की निगरानी में सौंप दिया. वहीं, मामले की जांच के लिए अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. सीसीटीवी फुटेज और ट्रेन के यात्रियों से पूछताछ कर आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है.
आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी गुलजार सिंह ने कहा कि यह मामला पहली नजर में मानव तस्करी का प्रतीत होता है. दोनों अपहरणकर्ताओं ने जिस प्रकार से योजनाबद्ध तरीके से बच्चे को अगवा कर ट्रेन में चढ़ाया, उससे यह कोई साधारण अपहरण नहीं लगता. फिलहाल इस मामले की गहन जांच चल रही है और आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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