भास्कर न्यूज|लुधियाना लुधियाना को पराली जलाने से मुक्त जिला बनाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। प्रशासन द्वारा अब तक 600 से अधिक फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों को मंजूरी दी गई है। लुधियाना को पराली जलाने से मुक्त जिला बनाने के लिए प्रशासन ने आने वाले हफ्तों में किसानों को सब्सिडी वाले फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण शीघ्रता से वितरित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। वीरवार को बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) राकेश कुमार ने कहा कि धान की पराली जलाना पर्यावरण और मानव के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि धान की पराली में आग लगाना बेहद हानिकारक है क्योंकि इससे मृदा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है और पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद कई जरूरी पोषक तत्व और सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। किसानों से पराली जलाने के बजाय आधुनिक इन-सीटू प्रबंधन तकनीकों को अपनाने की अपील की। इसे प्रोत्साहित करने के लिए, प्रशासन और कृषि विभाग हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, स्मार्ट सीडर, बेलर, रेक, मल्चर, पैडी चॉपर श्रेडर और आरएमबी प्लो जैसी मशीनें सब्सिडी दरों पर उपलब्ध करा रहे हैं। व्यक्तिगत किसान 50% सब्सिडी के पात्र हैं, जबकि किसान समूह और सहकारी समितियां 80% सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं। अब तक 600 से अधिक फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों को मंजूरी दी जा चुकी है और 315 किसान इन्हें खरीद भी चुके हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग और खरीद एजेंसियों के प्रमुखों को 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले धान खरीद सत्र के सुचारू और निर्बाध संचालन के लिए तैयारी करने का निर्देश देते हुए अतिरिक्त उपायुक्त राकेश कुमार ने 15 सितंबर तक सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त उपायुक्त ने आगामी खरीद सत्र को सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों से पूर्ण सहयोग की अपील की और कहा कि किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पराली मुक्त लुधियाना की तैयारी, किसानों को सब्सिडी वाली 600 से ज्यादा मशीनों की मंजूरी
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