एक तरफ जिला प्रशासन द्वारा युद्ध नशों के विरुद्ध अभियान चलाकर लोगों को नशा छुड़वाने का दावा किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर उक्त दावों के विपरीत गांव टिवाना कलां में एक 25 वर्षीय युवक आकाशदीप उर्फ बॉबी की चिट्टे से मौत हो गई है। वहीं मृतक की बाजू पर सिरिंज लगी हुई मिली है। पारिवारिक सदस्यों का कहना है कि उनका बेटा बीती शाम अज्ञात युवकों के साथ देखा गया था तथा रात को घर नहीं पहुंचा। जब उनका बेटा घर नहीं पहुंचा तो उसकी तलाश शुरू की थी। जानकारी देते मृतक के दादा चन्न सिंह ने बताया कि बॉबी उनका एकलौता बेटा था जो नशे करता था। बीती शाम भी वह अज्ञात युवकों के साथ देखा गया था, जिसके बाद वह लापता हो गया। बाद में उनको पता चला कि उसकी एक शेलर के खाली पड़े गोदाम में मौत हो चुकी है। जिसकी बाजू में सिरिंज लगी हुई थी जबकि एक सरिंज उसकी जेब में भी मौजूद थी। उनका कहना है कि गांव टिवाना में अब भी बड़े स्तर पर नशा बिक रहा है तथा पुलिस को पता है कि कहां-कहां नशा बिकता है और कौन बेच रहा है। लेकिन पुलिस कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है। यदि समय रहते इस पर नकेल नहीं कसी तो पूरा पंजाब मिट्टी में मिल जाएगा। मृतक के पिता चिमन सिंह और दादा चन्न सिंह ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर वक्त रहते नशा तस्करों पर कार्रवाई न की तो पंजाब बर्बाद हो जाएगा। ग्रामीणों ने भी मांग की कि नशा बेचने वालों को जल्द गिरफ्तार किया जाए। पुलिस बयान बदलवाने के लिए मृतकों के परिवारों पर दबाव डालती है। सरपंच सतनाम सिंह ने माना कि गांव में नशा फिर से पांव पसार रहा है। मगर अब फिर करीब एक दर्जन घर नशा बेच रहा है। जो गांव में नशा न बेचकर गांव के बाहर नशा बेचकर वापस घर लौट आते हैं और पुलिस के पहुंचने से पहले फरार हो जाते है। उनकी मांग है कि नशा बेचने वाले आरोपियों की धरपकड़ कर उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए। यदि समय रहते कार्रवाई न हुई तो स्थिति हाथ से निकल जाएगी। युवक के हाथ में लगी सिरिंज। जिले में नशे का जाल लगातार फैलता जा रहा है। बीते 1 महीने में अलग-अलग गांवों में नशे से पांच युवकों की जान जा चुकी है। जिसमें आवा, इसलामवाला, नुकेरियां, घटियांवाली बोदला, ढाब खुशहाल जोइयां शामिल है। जबकि रविवार को छठे युवक ने नशे से दम तोड़ा दिया है। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद नशा काबू से बाहर होता दिख रहा है। एसएसपी गुरमीत सिंह ने बताया कि आकाशदीप की मौत के मामले में केस दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई थी। इस दौरान जरनैल सिंह को काबू कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपने साथियों हरजिंदर सिंह, छिंदरपाल और स्वर्ण सिंह के नाम उजागर किए, जो गांव सबाजखे के निवासी है। पुलिस जब जरनैल सिंह को लेकर अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जा रही थी, इसी दौरान जरनैल सिंह ने पुलिस गाड़ी से छलांग लगाई और पास के धान के खेतों में भागने लगा। जिसके बाद पुलिस ने उसके पैर में गोली मारकर उसे दोबारा पकड़ लिया है। सिर्फ वही नकारात्मक खबर जोआपको जानना जरूरी है।
परिजनों ने उठाए सवाल, कहा- गांव में बिकता है नशा, पुलिस दबाव बनाकर बदलवा देती है बयान
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