पलवल जिले के श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण पर्यावरण पहल को पूरा किया है। विश्वविद्यालय परिसर में बीएमडब्ल्यू फाउंडेशन और गिव मी ट्री संगठन के सहयोग से 11 हजार पौधों का रोपण किया गया है। यह पौधारोपण जापान की विशेष मियावाकी तकनीक से किया गया है। इस तकनीक का उपयोग सघन वन विकसित करने के लिए किया जाता है। विश्वविद्यालय परिसर की लगभग 8 एकड़ भूमि में यह कार्य पूरा किया गया है। कुलपति और कुल सचिव रहे शामिल कुलपति प्रो. दिनेश कुमार और कुल सचिव प्रो. ज्योति राणा ने स्वयं पौधारोपण में भाग लिया। इस दौरान विश्वविद्यालय ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में भी हिस्सा लिया। रोपे गए पौधों में शीशम, नीम, बड़, पीपल जैसे छायादार वृक्ष शामिल हैं। साथ ही नींबू, किन्नू, संतरा, आंवला, अमरूद, शहतूत, आम और चकोतरा जैसे फलदार पेड़ भी लगाए गए हैं। सभी पौधे भारतीय नस्ल के हैं। आसपास के क्षेत्रों को मिलेगी शुद्ध हवा कुलपति का कहना है कि इस पहल से न केवल विश्वविद्यालय परिसर हरा-भरा होगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों को शुद्ध हवा भी मिलेगी। विश्वविद्यालय आसपास के गांवों के किसानों को भी मियावाकी तकनीक के बारे में जागरूक करेगा। बागवानी विभाग के जेई अरविंद गोस्वामी ने इसे एक मॉडर्न तकनीक बताया है। इससे कम क्षेत्रफल में अधिक पौधे लगाए जा सकते हैं। दो साल तक फाउंडेशन करेगी रखरखाव उन्होंने बताया कि अगले दो साल तक फाउंडेशन ही इन पौधों का रखरखाव करेगी। उन्होंने बताया कि यह लक्ष्य पूरा करने में पांच महीने का समय लगा है। इस अवसर पर प्रो. सुरेश कुमार, उप कुलसचिव चंचल भारद्वाज, डॉ. हरीश कुमार, कुलपति के ओएसडी संजीव तायल, विधि अधिकारी केशव शर्मा, डॉ. तेजेंद्र सिंह व पीआरओ डॉ. राजेश चौहान सहित कई अन्य अधिकारी भी पौधारोपण अभियान में सम्मिलित हुए।
पलवल के विश्वविद्यालय में हरियाली की नई पहल:जापानी तकनीक से लगाए 11 हजार देसी पौधे, 5 माह में लक्ष्य पूरा
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