पलवल में आज टीचर्स ने सरकारी स्कूलों को मर्जर करने का विरोध किया। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने स्कूल प्रबंधन कमेटियों के विलय का विरोध किया है। खंड इकाई के प्रधान जमील अहमद की अध्यक्षता में शिक्षकों ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने दोपहर तीन से पांच बजे तक धरना-प्रदर्शन किया। जिला सचिव जगदीश तंवर ने बताया कि 30 मई को निदेशक माध्यमिक शिक्षा और 9 जून को प्रधान सचिव शिक्षा विभाग हरियाणा की अध्यक्षता में शिक्षा सदन में द्विपक्षीय बातचीत हुई थी। कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी, लेकिन एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके विपरीत, पीजीटी पंजाबी प्रमोशन शिक्षकों को बिना काउंसलिंग के दूर-दराज भेज दिया गया। नई कमेटियों के गठन में 60 लाख कागज खर्च होंगे
जिला प्रधान थान सिंह शर्मा ने कहा कि एक ही गांव की दो माह पूर्व गठित एसएमसी कमेटियों को भंग करना शिक्षा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विरुद्ध है। नई कमेटियों के गठन में प्रचार, नामांकन और शपथ की प्रक्रिया पर लगभग 60 लाख कागज खर्च होंगे, जो पर्यावरण और सरकारी संसाधनों की बर्बादी है। उनकी मांग है कि 9 जून की बातचीत के निर्णय को शीघ्र लागू किया जाए और निदेशक स्तर की मांगों पर द्विपक्षीय बातचीत हेतु समय दिया जाए उन्होंने कहा कि यदि तीन सितंबर तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आगामी सात सितंबर को शिक्षा मंत्री के कैंप कार्यालय पानीपत में मास डेपुटेशन के रूप में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया जाएगा । उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बजट व्यवस्था की जिम्मेदारी एसएमसी और समुदाय पर डालकर शिक्षा की जिम्मेदारी से खुद को अलग कर रही है। धरने में राजेश भारद्वाज, जगदीश डागर, हरि चंद वर्मा, हुकमचंद शर्मा, सुनील कुमार समेत कई शिक्षकों ने हिस्सा लिया और अपनी मांगों को रखा।
पलवल में टीचर्स का प्रदर्शन:स्कूल मर्जर की योजना का विरोध, बोले- शिक्षा की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही सरकार
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