पलवल में जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ और सीआरडीएफ के साथ मिलकर बाढ़ से बचाव का मॉक ड्रिल आयोजित किया। थंथरी से राजुपुर खादर गांव के बीच यमुना नदी में यह अभ्यास बुधवार को किया गया। इस दौरान बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का प्रशिक्षण दिया गया। मॉक ड्रिल में नाव, मोटर बोट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय और फस्र्ट एड की व्यवस्था की गई थी। डेम के पास बाढ़ आपदा प्रशिक्षण शिविर लगाया गया। यहां सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। जिला प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी और आसपास के गांवों के पंच-सरपंच व ग्रामीण भी इस अभ्यास में शामिल हुए। डीसी ने इंसिडेंट कमांडर की भूमिका निभाई डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने इंसिडेंट कमांडर की भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि सभी को आपदा से बचाव के तरीकों का ज्ञान होना जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित गांवों की सूची बनाने के निर्देश दिए। साथ ही बाढ़ से बचाव की योजना तैयार करने को कहा। इससे आपदा के समय लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और जरूरी दवाइयों की व्यवस्था समय पर की जा सकेगी। आपदा से निपटने के बताए उपाय डीसी ने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए हमें हमेशा मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए और आपदा से बचाव के लिए सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए। ग्रामीणों को बताया गया कि बाढ़ आने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि संयम बरतते हुए उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करते हुए इससे निपटने का प्रयास करें। बाढ़ जैसी स्थिति में सबसे पहले सरपंच, ग्राम सचिव व पटवारी आदि को जानकारी दें ताकि बचाव के लिए जल्द से जल्द आगामी कार्यवाही शुरू की जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ आने पर ग्रामवासियों को ऊंचे और सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए। ये सभी लोग रहे मौजूद उन्होंने आगे कहा कि कई बार ग्रामीण बाढ़ आने पर भी अपने गांव से नहीं जाना चाहते, लेकिन जीवन की सुरक्षा के लिए बाढ़ ग्रस्त स्थान से सुरक्षित स्थान पर जाना अत्यंत जरूरी है। इस अवसर पर एडीसी जयदीप कुमार, एसडीएम पलवल ज्योति, पंच-सरपंच सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद रहे।
पलवल में बाढ़ से बचाव को लेकर मॉक ड्रिल:डीसी बने इंसिडेंट कमांडर, ग्रामीणों को सिखाए सुरक्षा के तरीके
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