पलवल में भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसानों की महापंचायत:बोले- रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे, किसी भी कीमत पर सरकार को नहीं देंगे जमीन

by Carbonmedia
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पलवल में आज यानी रविवार को किसानों ने महापंचायत की। यमुना नदी के किनारे बसे खादर क्षेत्र के किसानों ने आईएमटी के लिए होने वाले भूमि अधिग्रहण का विरोध शुरू कर दिया है। रविवार को बागपुर खुर्द में हुई महापंचायत में किसानों ने एकजुट होकर लैंड पूलिंग योजना का विरोध करने का निर्णय लिया। महापंचायत की अध्यक्षता डीके शर्मा ने की, जबकि मंच का संचालन राजबीर सिंह और विष्णु ने किया। बैठक में फैसला लिया गया कि कोई भी किसान लैंड पूलिंग योजना के पोर्टल पर अपनी जमीन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराएगा। हरियाणा सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि जेवर एयरपोर्ट के निकट फरीदाबाद और पलवल जिले के यमुना किनारे बसे 15 गांवों की नौ हजार एकड़ भूमि में आईएमटी विकसित की जाएगी। इसमें पलवल जिले के मोहना, बागपुर कलां, बागपुर खुर्द, हंसापुर, सोलड़ा, भोलडा और थंथरी सहित करीब 15 गांव शामिल हैं। अपनी जमीन को किसी भी कीमत पर सरकार को नहीं देंगे- किसान
पंचायत में किसानों ने एक स्वर में नारा दिया – “हम जान देंगे पर जमीन ना देंगे”। किसानों का कहना है कि वे अपनी जमीन को किसी भी कीमत पर सरकार को नहीं देंगे। पंचायत में सतबीर मैनेजर ने लैंड पूलिंग योजना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अगर किसी किसान की एक एकड़ जमीन जाती है, तो उसे केवल 800-1200 वर्ग गज विकसित जमीन ही वापस मिलेगी। इसमें किसानों को कोई मुआवजा भी नहीं दिया जाएगा। किसान नेता रवि आजाद ने इस योजना को हरियाणा सरकार द्वारा हजारों एकड़ जमीन हड़पने का एक तरीका बताया। खादर के किसानों ने एकता का परिचय देते हुए आने वाले दिनों में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि सरकार द्वारा जमीन विकसित करने के लिए तीन साल का समय बताया जा रहा है, लेकिन इसमें दस साल तक का समय लग सकता है। पोर्टल पर अपनी जमीन का रजिस्ट्रेशन नहीं करेंगे- किसान
पंचायत में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि कोई भी किसान लैंड पूलिंग योजना के पोर्टल पर अपनी जमीन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराएगा। इसके साथ ही, किसानों ने 18 अगस्त को हर गांव से विधायकों, जिला उपायुक्त, एसडीएम और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपने का फैसला किया है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि वे अपनी जमीन सरकार को नहीं देंगे। महापंचायत में किसान नेता सीताराम, रघुविन्द्र, यश्विन्द्र, नरेंद्र, धर्मी, गोविन्दराम, ईश्वर नंबरदार, प्रताप नंबरदार, मुरली, जगदीश नंबरदार, रामशरन मास्टर, प्रेमपाल मास्टर, लखमी सरपंच, गुड्डू भाटी, फुडा, सुरेश चंद, मुकेश, वीरेंद्र, दानी सरपंच, ओमी सरपंच, बेदन, बसंत, पप्पू फौजी, महावीर व जीत सिंह आदि ने संबोधित किया, जबकि पंचायत में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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