पलवल में 57 करोड़ के घोटाले में सरपंच सस्पेंड:क्लर्क संग मिलकर सरकारी खाते से निकाले 53 हजार, एसडीएम को सौंपी जांच

by Carbonmedia
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पलवल जिले के हसनपुर बीडीपीओ कार्यालय में हुए 57 करोड़ रुपए के घोटाले में नया मोड़ आया है। डीसी ने डराना गांव के सरपंच को निलंबित कर दिया है। सरपंच पर लगे आरोपों की जांच एसडीएम पलवल को सौंपी गई है। घोटाले में चार महीने पहले कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। रिटायर्ड अधिकारी के घर से कैश और जेवर बरामद वहीं हसनपुर बीडीपीओ कार्यालय के लिपिक राकेश, होडल खजाना कार्यालय के कर्मचारी सतपाल और चंडीगढ़ के विकास एवं पंचायत विभाग से सेवानिवृत्त अनुभाग अधिकारी शमशेर सिंह शामिल हैं। सेवानिवृत्त अधिकारी के घर से 3.65 करोड़ रुपए और कई आभूषण बरामद किए गए थे। सरपंच ने अपने खाते में डलवाए थे 53 हजार डराना गांव के हरवीर ने 10 जून 2025 को सरपंच रॉकी के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत में कहा था कि सरपंच ने लिपिक राकेश के साथ मिलकर 57 करोड़ के गबन में हिस्सा लिया है। जांच में पाया गया कि सरपंच ने लिपिक के साथ मिलकर हसनपुर ब्लॉक के बजट से 53 हजार रुपए अपने निजी खाते में डलवाए थे। डीसी ने आदेश किए जारी डीसी पलवल डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने जांच रिपोर्ट के आधार पर सरपंच को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आरोपी लिपिक राकेश और अन्य कर्मचारियों पर फर्जी बिलों के जरिए निजी एजेंसी को भुगतान कर घोटाला करने का आरोप है। संपत्ति का चार्ज संभालेंगे बहुमत प्राप्त पंच साथ ही खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी हसनपुर को निर्देश दिए गए हैं कि सरपंच से चल-अचल संपत्ति का चार्ज लेकर बहुमत प्राप्त पंच को सौंप दिया जाए। डीसी ने मामले की नियमित जांच के लिए उपमंडल अधिकारी (ना.) पलवल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

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