Kolkata Law College Case: कोलकाता में लॉ स्टूडेंट से हुए रेप मामले को लेकर बीजेपी ने ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा. बीजेपी ने बंगाल सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल में इतनी असंवेदनशीलता और क्रूरता क्यों है?”
बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गैंगरेप को राज्य प्रायोजित क्रूरता बताया और आरोप लगाया कि यह क्रूर कृत्य राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रेरित है.
बीजेपी की ओर से ये बयान इस सप्ताह की शुरुआत में 24 वर्षीय छात्रा के साथ कथित तौर पर पूर्व छात्र सहित तीन लोगों द्वारा रेप किए जाने के बाद आया है. मामले में तीन आरोपियों और एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह घटना 25 जून की शाम को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुई.
संबित पात्रा का ममता सरकार पर तीखा हमला संबित पात्रा ने बंगाल सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जिस राज्य में महिला मुख्यमंत्री हो, वहां महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता होनी चाहिए, लेकिन इतनी असंवेदनशीलता और क्रूरता क्यों है? पीड़िता ने खुद बयान जारी किया है. अगर हम इसे ध्यान से पढ़ें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि सामूहिक बलात्कार का यह पूरा दुष्चक्र कहीं न कहीं राज्य प्रायोजित है. यह राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रेरित एक क्रूर कृत्य है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का सदस्य है. पात्रा ने कहा कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं? क्योंकि यह एक कॉलेज यूनियन से जुड़ा है. वो टीएमसी की छात्र शाखा का सचिव रह चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 24 वर्षीय छात्रा एक टेस्ट के लिए फॉर्म भरने कॉलेज गई थी और टेस्ट पूरा होने के बाद भी उसे यूनियन रूम में ही रहने के लिए मजबूर किया गया.
बीजेपी ने बनाई 4 सदस्यीय कमेटीसंबित पात्रा ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल का दौरा करने और इस क्रूर कृत्य की जांच करने के लिए चार सदस्यीय समिति बनाई है, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह, मीनाक्षी लेखी, बीजेपी सांसद बिप्लब देब और मनन कुमार मिश्रा शामिल हैं. बीजेपी सांसद ने कहा कि समिति जल्द ही कोलकाता का दौरा करेगी और पार्टी अध्यक्ष को घटना पर एक रिपोर्ट सौंपेगी.
बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी ममता सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अगर टीएमसी सरकार छात्रों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित नहीं कर सकती तो उसे अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
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