Asaduddin Owaisi Poster Controversy Hyderabad: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत सरकार ने कई देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं. इन डेलीगेशन का मकसद दुनिया के सामने पाकिस्तान की दोहरी नीति, खासकर आतंकवाद को लेकर उसके रवैये को उजागर करना है. भारत की ओर से कुल सात प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजे गए, जिनमें से पांच लौट चुके हैं, जबकि दो अभी भी विदेश में हैं.
इन डेलीगेशन में दो चेहरे इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में हैं- कांग्रेस नेता शशि थरूर और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी. ओवैसी अल्जीरिया, सऊदी अरब, कुवैत और बहरीन गए थे. उन्होंने इन मुस्लिम देशों में पाकिस्तान की सच्चाई को बेबाकी से सामने रखा.
अपने समर्थन में लगे पोस्टरों पर क्या बोले ओवैसी?
अब ओवैसी भारत लौट चुके हैं और हैदराबाद में उनके स्वागत में पोस्टर भी लगाए गए हैं. हालांकि, ओवैसी को इन पोस्टर्स से आपत्ति है. एक टीवी चैनल से बातचीत में जब उनसे इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने अपने अंदाज में स्पष्ट जवाब दिया. उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह शर्मनाक है. ऐसा पोस्टर लगाना बिल्कुल गलत है. यह बेकार की बात है, क्यों लगा रहे हैं आप?” उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्दा किसी एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि 130 करोड़ भारतीयों से जुड़ा है. यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है, इसलिए इस तरह का प्रचार नहीं होना चाहिए. ओवैसी ने अपनी आलोचनाओं पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा, “मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.”
ओवैसी ने आतंकवादी संगठनों पर कही ये बड़ी बात
ओवैसी ने पाकिस्तान और आतंकवादी संगठनों जैसे अल-कायदा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इन सभी संगठनों की सोच एक जैसी है और इनके बीच कोई वैचारिक फर्क नहीं है. ये सब यह दावा करते हैं कि उन्हें धर्म के नाम पर हिंसा करने की आजादी है, जो पूरी तरह गलत है.
उन्होंने जोर देते हुए कहा, “इस्लाम किसी भी निर्दोष व्यक्ति की हत्या की इजाजत नहीं देता, लेकिन अफसोस की बात है कि यही हिंसक सोच इन संगठनों की बुनियाद बन गई है.”
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