कांग्रेस नेता और वरिष्ठ सांसद जयराम रमेश ने एक बार फिर मोदी सरकार की विदेश नीति पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को एक एक्स पोस्ट में दावा किया कि बीते दो महीनों के घटनाक्रमों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक सफलता की कथित छवि को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है. जयराम रमेश ने चार ठोस तथ्यों के जरिए मोदी सरकार की कूटनीतिक असफलताओं को उजागर किया और अमेरिका-पाकिस्तान के बीच गहराते रिश्तों को लेकर गंभीर चिंता जताई.
क्या हैं जयराम रमेश के आरोप?
1. ट्रंप ने 25 बार दोहराया दावा: जयराम रमेश ने कहा कि 10 मई 2025 से अब तक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सार्वजनिक रूप से 25 बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रुकवाया. उन्होंने भारत और पाकिस्तान को चेताया था कि अगर युद्ध नहीं रोका गया तो अमेरिका उनके साथ व्यापारिक रिश्तों को खत्म कर देगा.
भारतीय कूटनीति की विफलता, विशेष रूप से पिछले दो महीनों में, चार ठोस तथ्यों के ज़रिए सबसे स्पष्ट रूप से सामने आती है। ये तथ्य प्रधानमंत्री और उनके लिए ढिंढोरा पीटने वाले और जय जयकार करने वालों के बड़े-बड़े दावों की पोल खोलते हैं:1. 10 मई 2025 से अब तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 26, 2025
2. पाकिस्तान को ‘शानदार साझेदार’ कहा गया: 10 जून 2025 को अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका का “शानदार साझेदार” बताया. रमेश ने सवाल उठाया कि अगर पाकिस्तान इतना ‘साझेदार’ है तो भारत के सुरक्षा हितों की रक्षा कौन कर रहा है?
3. ट्रंप और पाक सेना प्रमुख की बैठक: 18 जून 2025 को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ लंच मीटिंग की. रमेश ने इसे चौंकाने वाला बताया, क्योंकि रमेश के अनुसार 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि खुद आसिम मुनीर के भड़काऊ बयानों ने तैयार की थी.
4. अमेरिका ने जताया पाकिस्तान के प्रति आभार: 25 जुलाई 2025 को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार से मुलाकात की और क्षेत्रीय स्थिरता व आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के लिए पाकिस्तान को धन्यवाद कहा.
मोदी-ट्रंप ‘दोस्ती’ पर उठे सवाल
जयराम रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रचारित ‘मोदी-ट्रंप दोस्ती’ एक खोखली और भ्रमपूर्ण कहानी साबित हुई है. उन्होंने कहा कि भारत अब 2020 में चीन को दी गई ‘क्लीन चिट’ की भारी कीमत चुका रहा है, और मौजूदा हालात से स्पष्ट है कि विदेश नीति में अहंकार, ढिंढोरा और जमीनी रणनीति के अभाव ने देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.
मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में कांग्रेस
कांग्रेस इन बयानों के जरिए मोदी सरकार की कथित अंतरराष्ट्रीय विफलताओं को राष्ट्रीय चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है. पार्टी का कहना है कि भारत की विदेश नीति अब प्रतिक्रियाशील हो चुकी है, जबकि पड़ोसी और वैश्विक ताकतें अपनी जगह मजबूत कर रही हैं.
ये भी पढ़ें-
सीजफायर के लिए तैयार कंबोडिया, भारत ने जारी की एडवाइजरी… थाईलैंड जंग में अब तक क्या-क्या हुआ? 10 बड़ी बातें