पाकिस्तान से सटी एयरस्पेस में आज भारत उतारेगा लड़ाकू विमान, टेंशन के बीच जानें होने क्या जा रहा?

by Carbonmedia
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India-Pakistan Tension: भारत ने पाकिस्तान से सटी अपनी दक्षिणी सीमा के पास हवाई क्षेत्र में एक दिन के लिए भारतीय वायुसेना (IAF) का अभ्यास तय किया है. यह अभ्यास बुधवार (4 जून, 2025) को किया जाएगा. इसके लिए नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) जारी कर दिया गया है. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है.


पाकिस्तानी विमानों पर हवाई क्षेत्र में रोक बढ़ाई गई
केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के विमानों और एयरलाइनों के भारत के हवाई क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध को 23 जून तक के लिए बढ़ा दिया है. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने मई में इस बात की पुष्टि करते हुए कहा था, “NOTAM को बढ़ा दिया गया है, हम पहले जैसी स्थिति बनाए रखे हुए हैं.”


इस प्रतिबंध के तहत पाकिस्तानी रजिस्टर्ड विमानों के साथ-साथ पाक एयरलाइनों द्वारा संचालित, स्वामित्व या लीज पर लिए गए सभी विमानों को भारतीय हवाई क्षेत्र में आने की अनुमति नहीं है. इसमें सैन्य उड़ानें भी शामिल हैं.


21 मई को इंडिगो फ्लाइट को नहीं मिली रास्ता बदलने की इजाजत
21 मई को दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो फ्लाइट (6E 2142) को पठानकोट के पास ओलावृष्टि और भारी तूफान का सामना करना पड़ा. विमान ने जब ऊंचाई FL360 पर उड़ान भरते हुए मौसम से बचने के लिए बाईं ओर इंटरनेशनल बॉर्डर की ओर रूट बदलने की इजाजत मांगी, तो IAF के नॉर्दर्न कंट्रोल ने इसकी अनुमति नहीं दी.


इसके बाद क्रू ने लाहौर ATC से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मांगी लेकिन पाकिस्तान की ओर से भी यह अनुमति नहीं दी गई. DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया, “क्रू ने मौसम से बचने के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में जाने का अनुरोध किया था, लेकिन वह भी ठुकरा दिया गया.”


तुर्की कंपनी ‘सेलेबी’ का सुरक्षा मंजूरी रद्द, संचालन जारी
एक अलग घटनाक्रम में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने जानकारी दी कि तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेस की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी गई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इसका हवाई अड्डों के संचालन पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है.


सेलेबी कंपनी मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 70% ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं की जिम्मेदार थी. इनमें पैसेंजर हैंडलिंग, कार्गो और पोस्टल सेवा, एयरोब्रिज और वेयरहाउस ऑपरेशन शामिल थे. यह कंपनी देश के कई अन्य हवाई अड्डों पर भी सक्रिय थी.


केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तुर्की की कंपनी को हटाया गया है. अभी तक ऑपरेशन्स में कोई रुकावट नहीं आई है. हम सुरक्षा एजेंसियों से आगे की सलाह लेंगे.”

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