पानीपत के सेक्टर 13-17 स्थित अंसल सुशांत सिटी बिल्डर के 5 साल पहले स्थगित किए गए एक मामले की रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण(हरेरा) ने फिर से सुनवाई की है। जिस पर सुनवाई करते हुए प्राधिकरण ने 3 लाख 2 हजार 203 का शुल्क जमा करवाने के आदेश दिए है। घाटा पंजीकरण शुल्क जमा करवाने का एक माह का समय दिया गया है। मामले की सुनवाई 13 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है। डॉक द्वारा प्रमोटर को भी भेजी आदेशों की कॉपी आदेशों में कहा है कि जब प्राधिकरण द्वारा इस मामले पर अंतिम बार 7 जनवरी 2020 को विचार किया गया था, तब इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। अब मामले को पुनः खोला गया है और प्राधिकरण का विचार है कि रेरा पंचकूला द्वारा लिया जा रहा शुल्क हरेरा नियम, 2017 के अनुसार है और उचित है। इसलिए उपरोक्त के मद्देनजर, प्राधिकरण प्रतिवादी को इन आदेशों के अपलोड होने की तिथि से 30 दिनों की अवधि के भीतर 3 लाख 2 हजार 203 रुपए का घाटा पंजीकरण शुल्क जमा करने का अवसर प्रदान करता है। साथ ही पंजीकृत डाक के माध्यम से इन आदेशों की एक कॉपी प्रमोटर को भेजी गई है। यह है मामला पिछली सुनवाई में हरेरा ने कहा था कि हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1975 के नियम 1976 में लाइसेंस शुल्क की दर का उल्लेख करते हुए अनुसूची में परिभाषित क्षेत्रों की श्रेणी। आवासीय, औद्योगिक प्लॉटेड कॉलोनी के मामले में, दर कॉलोनी के कुल क्षेत्रफल पर लागू होगी। ग्रुप हाउसिंग, वाणिज्यिक, साइबर पार्क के मामले में, दरें 100 एफएआर तक हैं और उच्च एफएआर के लिए आनुपातिक रूप से अधिक होंगी। अंसल की परियोजना एक वाणिज्यिक कॉलोनी है जो 12100.08 वर्ग मीटर भूमि पर स्थापित की जा रही है और पानीपत में स्थित है। जिस पर नियमों के अनुसार कुल 5,44,504 शुल्क होगा। लेकिन बिल्डर ने पूरा नहीं भरा था। जिस पर 3,2,503 रुपए बकाया है।
इसलिए हरेरा ने तब निर्देश दिए गए थे कि 30 दिनों की अवधि के भीतर शेष राशि भरी जाए। नहीं तो 12% की दर से ब्याज लिया जाएगा।
पानीपत अंसल को भरना होगा 3 लाख शुल्क:हरेरा ने 5 साल पहले बंद मामले को खोला; 30 दिनों का दिया अल्टीमेटम
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