पानीपत में ट्रेवल एजेंट के ठिकाने पर ईडी की रेड:पटना का ठेकेदार सरकारी ठेकों में कमीशनखोरी कर भ्रष्ट अधिकारियों को घूमाता था विदेश; मिले अहम दस्तावेज

by Carbonmedia
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बिहार के पटना में सरकारी ठेकों में कमीशनखोरी करने वाले ठेकेदार रिशु श्री और उससे जुड़े लोगों पर ईडी शिकंजा कसते हुए हरियाणा के पानीपत में रेड़ की गई। गुरुवार को ईडी ने बिहार, हरियाणा और गुजरात में 9 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी पटना, मुजफ्फरपुर, पानीपत और सूरत में की गई। रिशु श्री पर आरोप है कि वह सरकारी ठेकों में कमीशन लेकर भ्रष्ट अफसरों को विदेश घुमाता था। ईडी को ट्रेवल एजेंटों के ठिकानों से अधिकारियों की यात्रा से जुड़े कई दस्तावेज मिले हैं। साथ ही, रिशु श्री की एक और कंपनी का पता चला है, जिसके माध्यम से काले धन को सफेद किया जाता था। इस मामले में आईएएस संजीव हंस भी आरोपी हैं। सरकारी ठेकों में कमीशन का खेल
ईडी सूत्रों के अनुसार, रिशु श्री सरकारी ठेकों में कमीशन के खेल में शामिल था। वह भ्रष्ट अफसरों को देश-विदेश घुमाता था। इसके लिए वह सूरत और पानीपत में स्थित ट्रेवल एजेंटों से टिकट बुक करवाता था। छापेमारी में इन ट्रेवल एजेंटों के ठिकानों से अधिकारियों की यात्रा से जुड़े कई दस्तावेज मिले हैं। ईडी इन दस्तावेजों की जांच कर रही है। पटना में ईडी ने दानापुर के पूर्वी गोला रोड इलाके में रिशु श्री से जुड़े एक अवर सचिव स्तर के अधिकारी विनोद कुमार के घर पर छापेमारी की। आरोप है कि विनोद कुमार, रिशु श्री के माध्यम से छोटे कर्मचारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग करवाकर पैसे कमाते थे। वहीं, मुजफ्फरपुर में रिशु श्री के सीए अविनाश कुमार के घर पर भी छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान ईडी को रिशु श्री की एक और कंपनी, श्री नेस बिल्ड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के बारे में पता चला है। छापे में एक और कंपनी का पता चला
बताया जा रहा है कि इस कंपनी से बिहार सरकार के कई अधिकारियों की पत्नी और परिवार के लोग जुड़े हुए हैं। आरोप है कि इस कंपनी के जरिए भ्रष्ट अधिकारियों के काले धन को सफेद किया जाता था। ईडी की छापेमारी में इस कंपनी से जुड़े कई अधिकारियों, उनकी पत्नी और परिजनों की जानकारी मिली है। सरकारी ठेकों में मध्यस्थता करने के आरोपी रिशु श्री के खिलाफ बिहार सरकार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने भी एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर में आईएएस संजीव हंस भी आरोपी हैं। रिशु श्री के बिहार सरकार के कई बड़े अधिकारियों से अच्छे संबंध थे। इसी वजह से उसने मनमाने ढंग से सरकारी टेंडरों को मैनेज किया।

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