Kishore Samrite: साल 2022 में संसद भवन को बम से उड़ने की धमकी देने के मामले में रॉउज एवन्यू कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते को 6 महीने की जेल की सजा सुनाई. पूर्व विधायक किशोर समरीते ने सितंबर 2022 में अपनी अधूरी मांग को पूरा करने को लेकर यह धमकी दी थी.
राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विकास ढुल ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस अपराध के लिए दोषी पूर्व विधायक को आईपीसी की धारा 506 के तहत 6 महीने की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है.
क्या है पूरा मामला ?
यह पूरा मामला 16 सितंबर 2022 को तब सामने आया जब संसद भवन में स्पीड पोस्ट के जरिए एक पार्सल पहुंचा. जिसमें विस्फोटकों से संबंधित कुछ संदिग्ध समान,एक भारतीय झंडा और एक संविधान की किताब रखी थी. इस पूरे पार्सल में पूर्व विधायक किशोर समरीते ने अपने द्वारा साइन करके 10 पेज की शिकायत भी भेजी थी. जिसमें उन्होंने खुद को तत्कालीन सरकार की नीतियों से नाराज बताया था. करीब 60 से 70 अलग-अलग मांगे रखी थी.
इसके साथ ही इसी लेटर में उन्होंने अपनी मांगे पूरी न होने पर 30 सितंबर 2022 को संसद भवन को उड़ाने की धमकी भी दे डाली थी. किशोर समरीते ने राज्यसभा के महासचिव को लेटर और एक संदिग्ध पदार्थ भेज कर संसद भवन को बम से उड़ने की धमकी दी थी. वहीं इस पूरे मामले में जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने 19 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट को भी ऐसा पार्सल भेजा था और उसे संबंध में एक अलग से फिर दर्ज की गई थी.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा
रॉउज एवन्यू कोर्ट ने दिसंबर 2022 में आरोपी पूर्व विधायक किशोर समिति को यह कहते हुए जमानत दे दिया था कि संसद भवन को उड़ाने की धमकी देने से किसी तरह का विस्फोट या जान माल का नुकसान नहीं हुआ है.
हालांकि कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए यह कहा कि पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा पार्लियामेंट हाउस को उड़ाने की धमकी देने वाला यह लेटर आग लगाकर प्रॉपर्टी को नष्ट करने की धमकी देने जैसा है, जिससे उन्हें आईपीसी की धारा 506 के तहत दोषी करार दिया जाता है. हालांकि रॉउज एवन्यू कोर्ट ने किशोर समरीते को इस आधार पर विस्फोटक अधिनियम के तहत आरोप से बरी कर दिया कि पार्सल में भेजा गया पदार्थ कानून के तहत विस्फोटक नहीं था.
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