महाराष्ट्र में नगर निगम के चुनाव होने हैं. इससे पहले ठाकरे बंधुओं के एक मंच पर साथ आने से राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. बीजेपी और उनके सहयोगी दलों का कहना है कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. करीब 20 साल बाद उद्धव और राज ठाकरे एक मंच पर शनिवार (5 जुलाई) को साथ आए. महाराष्ट्र में होने वाले नगर निगम के चुनाव से पहले इसे बड़े सियासी घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है.
हम साथ रहने के लिए साथ आए- उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ चुनाव लड़ेंगे या नहीं ये अभी तक साफ नहीं है. हालांकि मंच से उद्धव ठाकरे ने ये जरूर कहा कि हम साथ रहने के लिए एकसाथ आए हैं. उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं जिसमें कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी शामिल है.
बीएमसी देश की सबसे अमीर नगर निकाय
पिछली बार 2017 में महाराष्ट्र में नगर निकाय के चुनाव हुए थे. सबकी नजरें मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी के चुनाव पर टिकी रहती हैं. बीएमसी का चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण होता है. बीएमसी देश का सबसे अमीर नगर निकाय है. बीएमसी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपना अब तक का सबसे बड़ा बजट दिया. बीएमसी का 2025-26 का बजट ₹74.4 हजार करोड़ है. ये देश का सबसे अमीर नगर निकाय है.
बीएमसी में उद्धव ठाकरे का दबदबा
बीएमसी में उद्धव ठाकरे की शिवसेना का दबदबा है. लेकिन जून 2022 में राज्य का राजनीतिक समीकरण बदल गया. शिवसेना दो फाड़ हो गई और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुती की सरकार बनी. बीएमसी का चुनाव उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की पार्टी का राजनीतिक भविष्य तय करेगा. वहीं बीजेपी की कोशिश होगी कि वो बीएमसी में भी अपना वर्चस्व कायम रखे.
बीएमसी चुनाव परिणाम 2017- कुल 227 सीट
शिवसेना- 84
भारतीय जनता पार्टी- 82
कांग्रेस- 31
NCP- 9
MNS- 7
अन्य- 14
शिवसेना की तरह एनसीपी में भी दो फाड़ हो चुका है. एनसीपी अब अजित पवार के पास है. चुनाव चिह्न भी उन्हें भी मिला हुआ है. वहीं शरद पवार गुट का नाम एनसीपी (एसपी) है.