कहानी थोड़ी फिल्मी लगती है, लेकिन सच्ची है. रूस की एक महिला ने एक भारतीय इंजीनियर से बार-बार अनुरोध कर 2017 में शादी की. 2020 में दोनों का एक बच्चा हुआ. कथित तौर पर महिला ने बच्चों का कभी ख्याल नहीं रखा. पति-पत्नी में अलगाव हुआ. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महिला ने बच्चे को सप्ताह में कुछ दिन अपने पास रखने की अनुमति ली, लेकिन वह कथित तौर पर रूसी दूतावास के एक अधिकारी की मदद से बच्चे को लेकर रूस चली गई.
यह कहानी है सैकत बसु और उनकी रशियन पत्नी विक्टोरिया की. विक्टोरिया ने अपने साढ़े 4 साल के बच्चे को पिता की अवैध कस्टडी में बता कर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस साल 22 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उसे सप्ताह में 3 दिन बच्चे को अपने साथ रखने की अनुमति दी. इस व्यवस्था के तहत जब बच्चा उसके पास था, तब वह उसे लेकर गायब हो गई. इस बात की आशंका है कि वह अवैध तरीके से बच्चे को रूस ले गई है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सैकत बसु ने बताया कि विक्टोरिया ने समय-समय पर कोर्ट की तरफ से दिखाई गई उदारता का गलत लाभ उठाया है. दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में रह रही विक्टोरिया 7 जुलाई को अपने सामान के साथ पिछले दरवाजे से रूसी दूतावास में जाते देखी गई. सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक रूसी दूतावास का एक अधिकारी उसे अपने साथ ले गया था. 10 जुलाई को वह अपने बच्चे को वापस लेने तय जगह पर पहुंचे, लेकिन बच्चा नहीं मिला.
सैकत ने अपनी याचिका में आशंका जताई है कि रूसी दूतावास के उस अधिकारी के साथ विक्टोरिया का प्रेम संबंध हो सकता है. सैकत ने यह भी बताया है कि उन्हें शादी के बाद पता चला कि विक्टोरिया के पिता रूसी खुफिया एजेंसी के एक जासूस थे. वह काफी ऊंचे पद से रिटायर हुए. ऐसे में जिस तरह लगातार पीछा कर विक्टोरिया ने उनसे शादी की, यह भी संदेह के दायरे में है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली पुलिस से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने मामला शुक्रवार (18 जुलाई, 2025) को सुनवाई के लिए लगाया है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को रूसी दूतावास अधिकारी के घर की तलाशी की भी अनुमति दी है. कोर्ट ने रूसी दूतावास से अनुरोध किया है कि वह पुलिस से सहयोग करे.
पिता ने जताई आशंका: ‘बच्चे को लेकर रूस चली गई पत्नी’, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से 24 घंटे में मांगी रिपोर्ट
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