भास्कर न्यूज | अमृतसर लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर रहे चरणजीत सिंह अटवाल ने कहा कि आज से 50 साल पहले देश में आपातकाल घोषित कर दिया गया था, जिसे भारतीय राजनीति के इतिहास का काला अध्याय भी कहा जाता है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा माननीय न्यायालय के फैसले के विरुद्ध जाकर 25 जून 1975 की आधी रात को आपातकाल की घोषणा की गई, जो 21 मार्च 1977 तक लगी रही। उस दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन देश में आपातकाल की घोषणा की थी। इसी दिन विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र देश में लोकतंत्र का गला घोंटा गया। भारतीय जनता पार्टी आज भी इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाती है। उन दिनों और जनता पर अत्याचारों को याद कर आज भी रूह कांप जाती है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादस्पद काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे, इसे आजाद भारत का सबसे विवादास्पद दौर भी माना जाता है। उन्होंने कहा िक इमरजेंसी के दौरान उन्हें भी जबरन उठाकर जेल में डाल दिया था और अमानवीय यातनाएं दी गई थीं, जो उन्हें आज भी याद हैं ।
पीएम इंदिरा गांधी की ओर से लगाई गई इमरजेंसी इतिहास का काला दिन : अटवाल
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