पीएम कहां जाते हैं, क्या हमें पूछने का हक नहीं:सीएम मान विदेश मंत्रालय के बयान के बाद बोले; गृहमंत्री को तड़ीपार बताया

by Carbonmedia
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पीएम नरेंद्र मोदी की यात्राओं पर टिप्पणी की थी। इसे विदेश मंत्रालय ने गैर जिम्मेदाराना और खेदजनक बताया है। साथ ही कहा है कि भारत सरकार ऐसी अनुचित टिप्पणियों से खुद को अलग करती है, जो मित्र देशों से भारत के संबंधों को कमजोर करती हैं। वहीं, आज 11 जुलाई को विधानसभा सेशन में सीएम भगवंत मान ने अपनी स्पीच में कहा कि क्या हमें हक नहीं है कि हम प्रधानमंत्री से पूछें कि देश की फॉरेन पॉलिसी क्या है। कौन से देशों में जाते हैं? वहीं, विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को तड़ीपार तक कह दिया। उन्होंने कहा कि गुजरात में यह कानून है। तीन प्वाइंटों में जाने सारा विवाद: 1. दरअसल, यह विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब वीरवार को सीएम भगवंत मान ने वीरवार दोपहर को कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी। इस दौरान जब हरियाणा-पंजाब के पानी के मुद्दे पर मीडिया ने सवाल किया, तो सीएम ने पूछा कि प्रधानमंत्री जी गए हुए हैं। घाना गए हुए हैं। इस पर मीडिया ने कहा कि वापस आ रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि उनका देश आने पर स्वागत करेंगे। कौन-कौन से देश मैग्नीशिया, गरबेशिया… पता नहीं कहां-कहां जा रहे हैं। जहां 140 करोड़ लोग रहते हैं, वहां पर रह नहीं रहे हैं। जिस देश में जा रहे हैं, वहां पर आबादी कितनी है? दस हजार। उस देश का सर्वोच्च सम्मान मिल गया। दस हजार तो यहां पर जेसीबी देखने के लिए खड़ा हो जाता है। जेसीबी चल रही है। कौन सी बातों में पड़ गए। 2. इसके बाद शाम को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मान का नाम लिए बिना कहा, “हमने एक राजनेता द्वारा ग्लोबल साउथ मित्र देशों के साथ भारत के संबंधों के बारे में की गई टिप्पणियां देखी हैं। यह गैर जिम्मेदाराना और खेदजनक है। यह राजनीति को शोभा नहीं देती है।” जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार ऐसी अनुचित टिप्पणियों से खुद को अलग करती है, जो मित्र देशों से भारत के संबंधों को कमजोर करती हैं। 3. सीएम भगवंत ने कहा कि विदेश मंत्रालय का बयान आया है। उन्होंने कहा कि क्या हमें हक नहीं है कि हम प्रधानमंत्री से पूछें कि देश की फॉरेन पॉलिसी क्या है। वह देश बाद में हमारा साथ देते हैं या नहीं। जब पाकिस्तान से संबंध खराब हुए, तो एक भी देश ने साथ नहीं दिया। किसके लिए धरती के चक्कर लगाते हो? उस देश में जाते हैं, जिसका नाम भी हमें पता नहीं। उस देश में वहां का सबसे बड़ा अवार्ड मिल गया। वहां की जनसंख्या कितनी है? 9500 है। इतने तो यहां जेसीबी देखने खड़े जाते हैं। यहां पर 140 करोड़ लोग रहते हैं। इनकी समस्याएं हल करो। अगर यूक्रेन और रूस की जंग रुकवा सकते हो, तो पंजाब-हरियाणा के मसले क्यों नहीं हल करवाते हो? हम दोनों राज्य तो बड़े भाई हैं।

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