Menstrual Blood Myths: हर लड़की और महिला को हर महीने पीरियड्स से गुजरना पड़ता है. एक नेचुरल प्रोसेस, जो शरीर को स्वस्थ रखने का हिस्सा है. लेकिन इसके साथ ही जुड़ी होती हैं कई बातें, कई डर और कई ऐसे सवाल जो अक्सर हमें खुलकर पूछने की हिम्मत नहीं होती. इन्हीं में से एक सवाल है, क्या पीरियड्स का खून शरीर में रुक जाए, तो ये खतरनाक हो सकता है? इस सवाल के पीछे डर भी है और बहुत सारी गलतफहमियां भी.
बता दें, कई महिलाएं ये सोचती हैं कि पीरियड्स का खून ‘गंदा’ होता है और अगर वह शरीर से बाहर न निकले, तो शरीर के अंदर जहर की तरह जमा हो जाता है. लेकिन हकीकत क्या है? क्या यह कोई मेडिकल इमरजेंसी है या सिर्फ एक भ्रम?
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पीरियड्स का खून क्या वाकई “गंदा” होता है?
सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि पीरियड्स का खून आम ब्लड की तरह ही होता है. इसमें गर्भाशय की परत, ब्लड, और कुछ टिशूज होते हैं, जो हर महीने शरीर से बाहर निकलते हैं. ये एक नेचुरल क्लींजिंग प्रोसेस है, न कि कोई जहरीला पदार्थ. इस खून को “गंदा” कहना सिर्फ एक सामाजिक टैग है, इसका शरीर की हेल्थ से कोई नुकसानदायक संबंध नहीं है.
पीरियड्स का फ्लो रुक जाए तो क्या होगा
अगर आपको लगता है कि पीरियड्स का खून रुक रहा है या बहुत कम मात्रा में आ रहा है, तो ये कुछ वजहें हो सकती हैं.
हार्मोनल असंतुलन
स्ट्रेस या तनाव
पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
थायरॉयड संबंधी समस्या
गर्भावस्था या स्तनपान
गंभीर संक्रमण या यूटेरस की समस्याएं
ये एक मेडिकल स्थिति हो सकती है जिसे नजरअंदाज करना सही नहीं होगा।
क्या इससे शरीर को नुकसान हो सकता है?
अगर लंबे समय तक पीरियड्स न आएं, तो ये संकेत हो सकता है कि शरीर में कुछ गड़बड़ चल रही है
इससे हार्मोनल असंतुलन
फर्टिलिटी से जुड़ी परेशानियां
यूटेरस में सूजन या सिस्ट जैसी समस्याएं हो सकती हैं
“गंदा खून शरीर में जमा हो गया” जैसी बातें सिर्फ भ्रम है. ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि, पीरियड्स का खून रुकने से शरीर में जहर फैलता है.
इलाज क्या है?
सबसे पहले किसी गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लें.
ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड या हार्मोनल जांच करवाई जा सकती है.
स्ट्रेस कम करें और रूटीन में फिजिकल एक्टिविटी शामिल करें.
यदि पीसीओएस या थायरॉयड जैसी कंडीशन है, तो उसका ट्रीटमेंट जरूरी है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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