Pune Bridge Collapse: पुराने और जर्जर पुल के गिरने के बाद उसकी हालत को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. अब सरकार की ओर से दावा किया गया है कि इस पुल के पुनर्निर्माण के लिए 8 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे. लेकिन शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने तत्कालीन सार्वजनिक बांधकाम मंत्री रविंद्र चव्हाण का एक पत्र सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसमें पुल की मरम्मत के लिए केवल 80 हजार रुपये की मंजूरी का उल्लेख है.
‘…या जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है’– संजय राउत
संजय राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “इंद्रायणी नदी में पुल गिरा और कम-से-कम 40 लोग बह गए. कहा जा रहा है कि इस पुल के लिए 8 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे. संबंधित मंत्री का यह पत्र देखिए – या तो मंत्री ने नींद में हस्ताक्षर किए या फिर जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है. यह फडणवीस का राज है, सब चलता है!”
राउत द्वारा पत्र सामने लाए जाने के बाद अब पुल हादसे को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और तेज होने के आसार हैं. संजय राउत ने कहा, “कल मावल में पुल गिरा और कम से कम 50 लोग बह गए. मेरा सवाल अजित पवार से है—आप उस जिले के पालकमंत्री हैं. वर्षों से आपको इस बात का गर्व और घमंड है कि आप उस जिले के पालकमंत्री हैं. आप कहते हैं कि मैं और पुणे जिला अलग नहीं हो सकते. तो अब इस दुर्घटना की जिम्मेदारी क्या आप पालकमंत्री के रूप में लेंगे या उससे पल्ला झाड़ेंगे?”
उन्होंने आगे कहा, “वहां के विधायक सुनील शेलके को अजित पवार साथ लेकर घूमते हैं. उनके चुनाव में उन्होंने काफी पैसा लगाया. एक-दो करोड़ रुपये का पुल इतने वर्षों में भी पालकमंत्री बनकर खड़ा नहीं कर सके. पालकमंत्री ऐसे छोटे कामों में सोए रहते हैं, लेकिन बड़े बिल्डरों के काम, मेट्रो प्रोजेक्ट और बड़े ठेकेदारों के कामों में पूरी तरह जागरूक रहते हैं.”
पालकमंत्री कहां घूम रहे हैं?
संजय राउत ने सवाल किया, “कल जो लोग मारे गए, उसके जिम्मेदार कौन हैं? अजित दादा पवार को यह बताना चाहिए. पुल गिरा, लोग बह गए, मरे, लेकिन अजित पवार ने तब से कुछ भी नहीं कहा. आमतौर पर तो वे बड़े जोश में बोलते हैं. अब उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती क्या? पालकमंत्री आप कहां घूम रहे हैं? आप कर क्या रहे हैं?”
राउत ने कहा, “कल की इस घटना के लिए अजित पवार जितने दोषी हैं, उतने ही उस समय के मुख्यमंत्री और सार्वजनिक निर्माण मंत्री भी दोषी हैं. इनके खिलाफ सदोष मानववध का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. अजित पवार तो नाक से प्याज छीलने का काम करते हैं, लेकिन जब लोगों की जान जा रही है, तो क्या आप नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेंगे? क्या आप यह नहीं कहेंगे कि आपसे गलती हुई?”
संजय राउत पर पूर्व मंत्री का पलटवार
पूर्व पीडब्लूडी मिनिस्टर रविंद्र चव्हाण ने संजय राउत पर हमला बोला है. जुलाई 2024 के पूरक खर्च विवरण पत्र के पृष्ठ क्रमांक 553, अनुक्रमांक 765 में स्पष्ट रूप से बजटीय भाषा में उल्लेख किया गया है कि प्रस्तावित राशि हजारों में दर्शायी जाती है, जिसका अर्थ होता है कि प्रकाशित राशि को 100 से गुणा करने पर प्रशासनिक मंजूरी की कुल राशि प्राप्त होती है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि यदि किसी जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी द्वारा किए गए अनुरोध को नजरअंदाज करके काम मंजूर नहीं किया गया होता, तो लगाए गए आरोप किसी हद तक उचित माने जा सकते थे. लेकिन जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जो कार्य मंजूर किया गया, उस पर इस प्रकार की अपरिपक्व टिप्पणी करना संजय राउत जैसे वरिष्ठ नेता को शोभा नहीं देता.
उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना अत्यंत दुखद है. मृतकों और घायलों के परिजनों के साथ सरकार पूरी मजबूती से खड़ी है. परंतु इस प्रकार की दुखद घटना के समय, संजय राउत द्वारा केवल राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से इस तरह की अज्ञानतापूर्ण और भ्रामक टिप्पणियां करना अनुचित है.
पुणे पुल हादसे पर संजय राउत के दावों से हर कोई हैरान, कहा- ‘अजित पवार को बताना चाहिए कि…’
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