पूर्व मंत्री बीरेंद्र के पूर्व सांसद बेटे का बड़ा खुलासा:बोले- मुझे हराने के लिए पर्दे के पीछे खेल हुआ, 3 लोग इकट्ठे हुए

by Carbonmedia
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पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने उचाना विधानसभा सीट पर मिली हार को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा- ‘मुझे हराने के लिए पर्दे के पीछे बहुत खेल हुआ। 3 लोग इकट्ठे हुए। खुद चुनाव लड़ रहे दुष्यंत चौटाला ने निर्दलीय के फेवर में इशारा कर दिया था।’ बृजेंद्र ने आगे बगैर भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लिए कहा- ‘2 निर्दलीय कैंडिडेट की निष्ठा एक व्यक्ति विशेष के प्रति थी। ये दोनों अंत तक खड़े रहे।’ असल में बृजेंद्र की हार में निर्दलीय कैंडिडेट बीरेंद्र घोघड़ियां और दिलबाग संडील की भूमिका रही। इससे जाट वोट बंट गए और भाजपा के देवेंद्र अत्री 32 वोट से चुनाव जीत गए। अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बृजेंद्र सिंह ने पहली बार उचाना सीट पर अपनी हार को लेकर खुलकर बात की। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उन्हें न केवल भाजपा, बल्कि जेजेपी और निर्दलीय उम्मीदवार भी हराना चाहते थे। इंटरव्यू में बृजेंद्र सिंह की अहम बातें…
IAS की नौकरी छोड़ नेता बने, 3 लाख वोट से सांसद बने
बृजेंद्र सिंह ने स्वैच्छित सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति जॉइन की। वह 21 सालों तक हरियाणा में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रहे। बृजेंद्र सिंह के माता-पिता दोनों राजनीति में हैं। बृजेंद्र सिंह के पिता पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री रहे हैं तो मां प्रेमलता सिंह उचाना से विधायक रह चुकी हैं। 2019 में बृजेंद्र सिंह को मौका मिला तो पहली बार भाजपा के टिकट पर हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। जीवन के पहले ही राजनीतिक चुनाव में 3.14 लाख से अधिक वोटों के अंतर से विजयी रहे। हार को हाईकोर्ट में चुनौती, सुनवाई चल रही
2024 विधानसभा चुनाव से पहले बृजेंद्र पिता बीरेंद्र सिंह के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए। उचाना कलां सीट से कांग्रेस ने बृजेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया। जेजेपी से दुष्यंत चौटाला मैदन में उतरे। भाजपा ने देवेंद्र अत्री को टिकट देकर चुनाव जाट बनाम गैर जाट बना दिया था। जाट समुदाय के कई निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में थे। जिसमें बीरेंद्र घोघड़ियां प्रमुख रहे। भाजपा को 48,968 और बृजेंद्र सिंह को 48,936 वोट मिले। जीत का अंतर 32 वोट का रहा। जो प्रदेश की सबसे क्लोज फाइट मानी गई। बीरेंद्र घोघड़ियां 31,456 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे। जबकि 7,950 वोट लेकर दुष्यंत की जमानत जब्त हो गई। बृजेंद्र सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मार्च 2025 में याचिका दायर की। जिसमें उन्होंने 215 पोस्टल बैलेट्स के पुनर्गणना की मांग की, क्योंकि यह संख्या हार-जीत के अंतर (32 वोटों) से अधिक है। अभी इस केस में सुनवाई चल रही है।

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