पूर्व CM जयराम ठाकुर का बड़ा आरोप, ‘आपदा में अवसर तलाश रही सुक्खू सरकार’

by Carbonmedia
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हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने गुरुवार (31 जुलाई) को सुखिवंदर सिंह सुक्खू सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आपदा में अवसर का अजब खेल हमारे विधानसभा क्षेत्र में चल रहा है. 
पूर्व सीएम ठाकुर ने कहा, “आपदा से त्रस्त लोग सड़के बंद होने की वजह से अपने पैसे से सड़के खुलवा रहे हैं. जिसमें जेसीबी और एलएनटी मशीनें, दानी सज्जनों ने दी. उसमें तेल हम लोग मिलकर डलवा रहे हैं. जिससे रास्ते खुल सकें.” 
‘बिल अपने नाम पर बनवाने के लिए डाल रहे दबाव’
उन्होंने कहा, “लेकिन कांग्रेस के नेता जो सड़कें प्रभावितों के खर्चे पर खुल चुकी हैं, उनका बिल अपने नाम पर बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं. कुछ नेता तो मुख्यमंत्री के खासम खास हैं. इससे ज्यादा शर्म की और कोई बात नहीं हो सकती है.”
जयराम ठाकुर ने आगे कहा, “सरकार पूरी तरीके से नाकाम है और सड़के खुलवाने में फेल है. इसके बाद हमने लोगों से अपील करके डीजल के खर्चे पर मशीन मांगी थी. दानी सज्जन अपनी जेसीबी और एलएनटी मशीनें  दे रहे हैं. लेकिन कांग्रेस के नेता यहां भी आपदा में अवसर ही तलाश रहे हैं.” 
कांग्रेसी नेता कर रहे शर्मनाक हरकत- जयराम ठाकुर
उन्होंने कहा, “सबसे हैरानी  की बात यह है कि जिस देजी गांव में 11 लोगों की मौत हो गई हैं, वहां पर एक महीने बाद भी लोक निर्माण विभाग जेसीबी मशीनें नहीं भेज पाया है. वहां भी हम लोगों ने आपसी सहयोग से जेसीबी मशीनें लगवाई हैं. उसके बाद भी कांग्रेस के नेताओं इस तरह की शर्मनाक हरकतें जारी है.”
‘मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहे उत्पाद’
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ये भी कहा, “आपदाग्रस्त पूरा इलाका ही पुष्प उत्पादन, कृषि उत्पादन और बागवानी निर्भर करता है और यह सारी उत्पाद एक निर्धारित समय अवधि में मंडियों तक पहुंचने होते हैं. देर होने से पूरा का पूरा उत्पाद नष्ट हो जाता है. सड़के बंद होने की वजह से लोग अपना उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.” 
उन्होंने कहा, “आज ही बाजार ने पहुंचने से सड़ चुके उत्पाद को फेंकने का एक मामला सामने आया है. आपदा प्रभावितों के लिए यह दोहरी मार है. एक तरफ आपदा की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ सरकार की नाकामी की वजह से.” 
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “वर्तमान सरकार हर दिन कोई ना कोई नया कारनामा करती है. इस बार भी सरकार ने चार दिन की लगातार कैबिनेट बैठक रखी. एक दिन में भी की जा सकती थी. जितने भी एजेंडे थे सुबह से शाम तक बैठकर उन्हें निपटाना था.”
‘सैंकड़ों की संख्या में बंद हुए संस्थान’
उन्होंने कहा,  “हैरानी की बात यह भी है कि इन मैराथन मीटिंग से प्रदेश को क्या मिला? सैंकड़ों की संख्या में संस्थान बंद हुए. रोजगार के लिए कोई नीति नहीं लाई गई. सरकार अपने उसी पुराने ढर्रे पर चल रही है. जो मित्रों और सहयोगियों के लिए समर्पित है.”

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