पेटीएम के शेयर में 10% तक गिरावट:50 रुपए टूटकर ₹864 पर पहुंचा; वित्त मंत्रालय का UPI पर बयान गिरावट की वजह

by Carbonmedia
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पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन के शेयर में गुरुवार को 10% तक गिरावट है। शेयर प्राइज करीब 50 रुपए टूटकर ₹864.40 तक पहुंच गया। इस गिरावट का कारण UPI पेमेंट पर चार्ज ना लगाने वाले वित्त मंत्रालय के बयान को माना जा रहा है। दरअसल पिछले कुछ महीनों से UPI ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) लगाने की खबरें चर्चा में बनी हुई थीं। इस चार्ज से फिनटेक कंपनियों को फायदा हो सकता था। लेकिन कल वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया कि UPI ट्रांजैक्शन पर किसी भी तरह का चार्ज लगाने की कोई योजना नहीं है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार (11 जून) को X पर पोस्ट कर UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाने की खबरों को भ्रामक और निराधार बताया है। मंत्रालय ने कहा कि, ‘इस तरह की निराधार और सनसनी पैदा करने वाली खबरें लोगों के बीच भय और संदेह पैदा करती हैं। सरकार UPI से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।’ UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाने की खबर हुई थी वायरल इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि केंद्र सरकार दुकानदारों यानी मर्चेंट से 3,000 रुपए से ज्यादा के UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगा सकती है। इसके लिए 0.3% मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) दोबारा लागू किए जा सकते हैं। यानी आप 3,000 रुपए से ज्यादा का UPI पेमेंट करते हैं, तो दुकानदार को बैंक को 9 रुपए तक फीस देनी होगी। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 2 महीने में नए नियम लागू किए जा सकते हैं। नए नियम बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑपरेशनल खर्चों को देखते हुए लाए जा सकते हैं। हाल ही में PMO, वित्त मंत्रालय और अन्य विभागों की बैठक हुई है। सभी स्टेकहोल्डर्स (बैंक, फिनटेक कंपनियां, NPCI) से चर्चा के बाद ही पॉलिसी लागू होगी। एक महीने में 4% बढ़े UPI ट्रांजैक्शन मई 2025 में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए 18,67 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। इस दौरान इस दौरान कुल 25.14 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। ट्रांजैक्शन की संख्या में एक महीने में 4% की बढ़ोतरी हुई है। पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री को लेटर लिखा इससे पहले पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री मोदी को लेटर लिखा था। लेटर में PM मोदी से जीरो मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नीति पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है। काउंसिल, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और रुपे डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर 0.3% मर्चेंट डिस्काउंट रेट लगाने के पक्ष में है। द इकोनॉमिक टाइम्स ने दो वरिष्ठ बैंक अधिकारियों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। अभी इन पेमेंट मेथड्स पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नहीं लगाया जाता है, क्योंकि इन्हें नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) फैसिलिटी प्रोवाइड करती है। MDR कैसे काम करता है और इसे क्यों हटाया था? 2022 से पहले मर्चेंट्स को बैंकों को ट्रांजैक्शन अमाउंट का 1% से कम MDR यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट देना पड़ता था। हालांकि, सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष-22 के बजट में इन चार्जेस को हटा दिया था। तब से UPI सबसे ज्यादा यूज किया जाने वाला पेमेंट मेथड बन गया है और RuPay भी काफी पॉपुलर हो गया है। इस बीच इंडस्ट्री के इंसाइडर्स का कहना है कि बड़े रीटेल मर्चेंट्स एवरेज 50% से ज्यादा पेमेंट कार्ड से करते हैं। इसलिए UPI पेमेंट पर एक स्मॉल फीस का कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।

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