पोंटी चड्ढा हत्याकांड के 12 साल बाद फिर उभरा पारिवारिक संपत्ति विवाद, टीटू चड्ढा ने जताई नाराज़गी

by Carbonmedia
()

Ponty Chadha Family Property Dispute: रियल स्टेट और शराब के बड़े कारोबारी पोंटी चड्ढा और उनके भाई हरदीप उर्फ़ सतनाम चड्ढा के बीच संपत्ति बंटवारे को लेकर हुई फायरिंग में 12 साल पहले दोनों का मर्डर हो गया था. अब  खबर ये है कि एक बार फिर चड्ढा परिवार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.


पोंटी चड्ढा के सगे चचेरे भाई गुरजीत सिंह चड्ढा उर्फ़ टीटू ने बताया की पिछले तीस साल से चड्डा परिवार में संपत्ति बटवारे का विवाद चल रहा है और उनका बटवारा नहीं हो पा रहा है, जिससे परिवार में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. इनका कहना है कि क्यूंकि चड्ढा परिवार शराब, रियल स्टेट और खनन का कारोबार संयुक्त रूप से एक साथ ही करता चला आ रहा है और कई बार परिवार में संपत्ति बटवारे के लिए फैसले हुए लेकिन उन पर अमल नहीं हो पाया.


परिवार में बढ़ती जा रही कलह


वह और पोंटी चड्ढा दोनों साथ साथ पले बढ़े और गहरे दोस्त थे दोनों का साथ में कारोबार था पूरा परिवार एक साथ कारोबार में लगा हुआ था. बचपन में पोंटी चड्ढा और वह पतंग उड़ा रहे थे तो हादसे में उनके हाथ की दो उँगलियाँ और पोंटी चड्ढा का एक हाथ कट गया था. गुरजीत सिंह चड्ढा उर्फ़ टीटू के मुताबिक 1994-95 से अब तक कई बार परिवार में कारोबार और संपत्तियों के बटवारे के लिए मीटिंग्स हुई फैसले हुए, लेकिन जो वादे हुए उन्हें पूरा नहीं किया गया. इसलिए मजबूर होकर आज वह ये सब बता रहे हैं.


हमारा चड्ढा परिवार शुरू से एक रहा है सब आपस में पार्टनर के रूप में काम कर रहे थे. 16 नवंबर 2012 को पोंटी चड्ढा और उनके छोटे भाई हरदीप सिंह चड्ढा के बीच बंटवारे को लेकर झगड़ा था. उस में हमारे चाचा सरदार सुरजीत सिंह चड्ढा और पोंटी के भाई राजेन्द्र सिंह चड्ढा उन दोनों का फैसला करा रहे थे, लेकिन अगले दिन 17 तारीख को वह बड़े हादसे में बदल गया था और पोंटी चड्ढा और हरदीप चड्ढा दोनों की इस विवाद में मौत हो गई थी. 


पोंटी चड्ढा आपस में फैसले के इच्छुक थे


1995 से अब तक मेरे साथ भी सब कुछ गलत हो रहा है पोंटी चड्ढा तो चाहते थे की सब कुछ ठीक हो जाये. इसलिए उन्होंने नरेंद्र सिंह चड्ढा चाचा को फोन भी किया था. चाचा जी ने मुझ से कहा था की घर का फैसला घर में ही करेंगे, लेकिन आज तक मेरे साथ अन्याय हो रहा है. पोंटी और मेरे बीच इतना प्यार था की हम कभी नहीं लड़े उनकी और मेरी फेमिली कभी नहीं बोल सकती की हम कभी आपस में लड़े हैं.


उनका बेटा मोंटी चड्ढा मेरे लिए बेटे जैसा है. इसलिए उस से मै कभी बटवारे की बात नहीं करता हूँ. क्यूंकि पोंटी चड्ढा अपने सामने ही हमारे बंटवारे के लिए नरेंद्र सिंह चड्ढा जो हमारे चाचा हैं उनको को जज बना गये थे और यह उम्मीद थी की वह निष्पक्ष फैसला करेंगे लेकिन उन्होंने आज तक हमारा फैसला नहीं किया.


इसलिए चाचा को बनाया था मध्यस्थ


नरेंद्र सिंह चड्ढा को इसलिए मध्यस्थ बनाया गया था क्यूंकि कि वह 1993 में अपनी मर्ज़ी से परिवार के संयुक्त कारोबार से अलग हो गये थे. इसलिए वह निष्पक्ष फैसला करेगे, सब ने उन्हें मध्यस्थ बनाया था. हमारा घर शुरू से एक साथ था मेरे पिता हरभजन सिंह चड्ढा और पोंटी चड्ढा के पिता कुलवंत सिंह चड्ढा और हमारे एक चाचा सुरजीत सिंह चड्ढा ये एक साथ थे जबकि हमारे चाचा नरेंद्र सिंह चड्ढा ने 1993 में अपना कारोबार अलग कर लिया था. 


पोंटी के साथ साझा था व्यापार


पोंटी और मै भी एक साथ ही परिवार के संयुक्त कारोबार में शामिल थे. हम सब 9 पार्टनर थे हमारा शुरू से शराब का कारोबार था. उसके बाद खनन और रियल स्टेट का कारोबार शुरू हुआ था. परिवार के सब खर्चे मुरादाबाद के इसी आफिस से होते थे. पोंटी जी ने नरेंद्र सिंह चड्ढा चाचा को फैसला करने के लिए इसलिए बीच में डाला था. क्यूंकि वह 1993 से परिवार से अलग अपना कारोबार करते हैं और उनसे निष्पक्ष फैसले की उम्मीद थी, लेकिन 2012 में पोंटी जी ही चले गये और तब से फैसला नहीं हो पा रहा है.  इसलिए अब हमने कोर्ट में भी केस डाला है. हमारे साथ बहुत अन्याय हो रहा है. घर के अंदर समस्या अभी तक ख़त्म नहीं हुई है. हमारा बंटवारा होना है लेकिन हो नहीं पा रहा.


पोंटी चड्ढा के बेटे मोंटी चड्ढा ने फोन कर मेरे साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जबकि वह मेरे बेटे के जैसा है. मैं उसे बेटे जैसा ही मानता हूँ, लेकिन उसने ऐसे शब्द बोले जो मै अब उस से बात भी नहीं करता हूं. अब नरेंद्र सिंह चड्ढा चाचा फैसला कराने के बजाय, मुझे कहते हैं की आप पोंटी चड्ढा की पत्नी लवली चड्ढा के पास जाओ मैं कैसे जाऊं? फैसला तो नरेंद्र सिंह चड्ढा चाचा जी को ही कराना है, वह लिख कर दें लेकिन नहीं दे रहे. इसलिए हमारे परिवार का फैसला नहीं हो पा रहा है. जिस से परिवार में सब परेशान हैं और हम तनाव की स्थिति से गुजर रहे हैं.


हम आपको बता दें की मुरादाबाद के रहने वाले चड्ढा परिवार का देश दुनिया में शराब और रियल स्टेट सहित कई तरह का हजारों करोड़ का बड़ा कारोबार फैला हुआ है और संपत्ति के बटवारे को लेकर जो चड्ढा परिवार अपने दो बेटों को 12 साल पहले खो चुका है उसमे एक बार फिर संपत्ति बटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया है. 

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment