यूपी न्यूज़: सावन महीने की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज में कांवड़ यात्रा का भव्य आगाज हो चुका है. भगवान शिव के प्रिय माह में शहर का दशाश्वमेध घाट भक्ति और आस्था का केंद्र बन गया है, जहां हजारों कांवड़िए गंगा में डुबकी लगाकर गंगाजल भर रहे हैं. “हर-हर महादेव” और “बम-बम भोले” के जयकारों से पूरा वातावरण शिवमय हो गया है.
यह कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी, जिसमें लाखों श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम सहित अन्य शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे.
दशाश्वमेध घाट पर भक्ति का अद्भुत नजारा
सावन के पहले दिन सुबह से ही दशाश्वमेध घाट पर कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालु गंगा में स्नान कर कांवड़ में गंगाजल भर रहे हैं और फिर काशी विश्वनाथ, अन्य शिव मंदिरों, या अपने स्थानीय शिवालयों की ओर रवाना हो रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि सावन महीने में गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. खासकर सावन के पहले सोमवार को जलाभिषेक का विशेष महत्व है.
प्रशासन की ओर से व्यापक इंतजाम
कांवड़ यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रयागराज प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं की हैं:
ट्रैफिक व्यवस्था: प्रयागराज-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग को 9 अगस्त तक वन-वे कर दिया गया है ताकि कांवड़ियों को आवागमन में कोई असुविधा न हो.
सुरक्षा इंतजाम: घाटों पर डीप वॉटर बैरिकेडिंग, एसडीआरएफ, और जल पुलिस की तैनाती की गई है.
सुविधाएं: चिकित्सा शिविर, पेयजल व्यवस्था, और विश्राम स्थलों का इंतजाम किया गया है.
प्रतिबंध: कांवड़ मार्गों पर मांस और मदिरा की दुकानें बंद रखने के निर्देश जारी किए गए हैं.
शिव भक्ति में डूबा प्रयागराज
सावन के आगमन के साथ ही प्रयागराज भक्ति और आस्था के रंग में रंग चुका है. दशाश्वमेध घाट और अन्य गंगा घाटों पर कांवड़ियों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. आने वाले दिनों में यह शिवमय माहौल और गहराएगा, क्योंकि सावन के प्रत्येक सोमवार को जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में और इजाफा होगा.